Dr.ratan Singh added this post in नीलकंठ महादेव मंदिर, जयपुर.
सुविचार एवं अनमोल वचन
"सम्मान......... मम्मी.....आप मेरी शादी कराना चाहती हैं ना.... ठीक है तो सुनो.. मैं भाभी से शादी करना चाहता हूँ.. चटाक.. (थप्पड़ की आवाज़ से कमरा गूंज गया) क्या बक रहा है सोहन तेरा दिमाग़ तो ख़राब नहीं हो गया....भाभी है वो तेरी सगी भाभी.... तेरे भाई मोहन की ब्याहता है वो और तू.... छी.... शर्म आनी चाहिए तुझे.. भाई की ब्याहता......सोहन ताली बजाता हुए बोला चलो शुक्र है कि मम्मी.... याद आ गया आपको वो मेरे बडे भाई मोहन की पत्नी हैं.. और क्या कहा आपने शर्म..... हां मम्मी.... शर्म आई थी मुझे..... बहुत शर्म आई जब भाभी को विधवा कहकर रमा काकी ने ताना मारा.. ... बहुत शर्म आई जब शगुन के कामों में उन्हें विधवा कह सब दूर कर देते हैं..... और उससे भी ज्यादा शर्म तब आती है जब मेरी मम्मी ही भाभी के साथ ऐसा बर्ताव करती हैं जैसे उनका पति नही मरा कोई पाप हो गया है उनसे..... सोहन...... मां ने चिल्लाते हुए कहा चिल्लाओ मत मम्मी...... आपके चिल्लाने से मेरा इरादा नहीं बदलेगा...... तू समझता कयो नहीं है सोहन....... हमारे समाज में विधवा के लिए कुछ नियम, कुछ कायदे होते हैं, और हमें उनको मानना चाहिए... विधवा शगुन के काम नहीं करती, अपशगुन होता है.. पिता ने बीच मे आते हुए कहा... पापा..... जब भाभी इस घर की बहु बनकर आई थीं तो आपने उनके सिर पर हाथ रख के कहा था.. ... बहु नहीं बेटी घर लाया हूं...... बेटी की तरह पलकों पे रख रहे थे उनको और भाई के जाते ही आज वही बेटी इतनी अपशगुनी हो गई..... आप लोगों की सोच से मुझे घृणा आ रही है...... कुछ देर की खामोशी के बाद सोहन ने कहा मेरा इरादा पक्का है पापा.. ...ऐसा कहकर वह जाने लगा.. तो ठीक है...... आज से सुधा को विधवा कहकर कोई नहीं पुकारेगा.. ... और अगर किसी ने कहा तो मैं उसकी जुंबान खींच लुंगी.. उसके साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा.. ...मगर तू वहीं शादी करेगा जहां मैं कहूंगी.. वाह मम्मी वाह.. ....आप तो सौदा करने लगीं.. ...चलिए तो एक सौदा मैं करता हूं...... भाभी की दूसरी शादी होगी.....किसी अच्छे घर में एक सभ्य लड़के से..... उनका भविष्य संवारने की कसम खाईए मम्मी..... तेरे सर की कसम सोहन बेटा .....जैसा तू चाहेगा वैसा ही होगा..... तो ठीक है भाभी की शादी के बाद आप लोग जहां कहेंगे मैं वहां शादी करूंगा.. वहीं दूसरे कमरे मे दरवाजे के पीछे खडी सुधा सिसकियां लेकर रो रही थी..... सोहन ने सिसकियों की आवाज सुनी ओर कमरे तक पहुंचा मगर वो कुछ कहता उसके पहले सुधा अपने कमरे में चली गयी और अंदर से कमरा बंद कर लिया.... सोहन सुधा से बहुत कुछ कहना चाहता था मगर वो भी चुपचाप अपने कमरे में चला गया.. मम्मी-पापा वहीं बैठे थे.. सुनिए..... आपने देखा ना सोहन किस तरह बात कर रहा था.. ....आज से पहले उसने इस तरह मुझसे कभी बात नहीं की.. ... और अपनी भाभी से शादी..... नहीं...सुषमा जी...... जिसे उसने नज़र उठा कर ठीक से कभी देखा नहीं वो सुधा से शादी करना तो दूर ऐसा ख्याल भी मन मे नहीं लाएगा.. सच कहूं सुषमा जी.....बच्चे बड़े हो गए हैं..... और सोहन सही कह रहा है जिसे बेटी बनाकर लाए थे उसका कितना तिरिस्कार किया हमने..... और वो पढ़ी-लिखी आज के ज़माने की लड़की सब सह गई... सच पूछो तो गलती हमारी ही है... आप सही कह रहे है जी.....मोहन के जाने के बाद मैंने जैसे सुधा को कभी प्यार से देखा ही नहीं.. ... पहले ये घर सुधा की हँसी से गूंज उठता था..... मैंने सिर्फ सुधा का ही दिल नहीं दुखाया.. मैंने अपने मोहन का भी दिल दुखाया है.. सुषमा जी उठकर सुधा के पास गई.. .... दरवाजे को बजा के आवाज़ दी.....सुधा..... बेटा सुधा.... सुधा ने दरवाजा खोल दिया.. जी..... आ बैठ यहां मेरे पास.. ...बेटा मुझे माफ़ कर दे मुझसे गलती हो गई...... मैंने रीति-रिवाज़ के नाम पर तेरा बहुत दिल दुखाया है.. पीछे से पापा भी आ गए सुषमा के साथ-साथ बेटा मुझे भी माफ़ कर दो.. ... मैंने भी कोई कसर नहीं छोड़ी बहुत बुरा बर्ताव किया तुम्हारे साथ.. ...मैं हाथ जोड़कर..... नहीं पापा..... मैं आप दोनों से बिल्कुल भी नाराज़ नही हूं..... मुझे कोई शिकायत नहीं है आप दोनो से.....सुधा ने बीच में ही ससुरजी को रोक कर कहा मां..... अगर मैं कुछ माँगू तो दोगी मुझे.... हां बेटा .....आज इतने वक़्त के बाद तो तू कुछ माँग रही है.. ...मैं ज़रूर दूँगी..मांग बेटा.. मां..... मैं शादी नहीं करना चाहती.....अब मुझसे ये दुबारा नहीं होगा.. ...मैं आज भी सिर्फ मोहन से प्यार करती हूँ.. मैं मोहन को नहीं भूल पाऊंगी मां...... मैं इसी घर में आपकी बेटी बन के रहना चाहती हूं...... रोते हुए सुधा बोली... मगर बेटा तेरी उम्र ही क्या है.. ...और हम लोग कब तक तेरा सहारा बने रहेंगे.. एक दिन तो हमे भी जाना है नहीं पापा..... हम सब साथ में रहेंगे आप दोनों को मैं कहीं नहीं जाने दूँगी.. कृपा कर मेरी शादी का विचार मन से निकाल दीजिए.... ठीक है बेटा जैसा तुम चाहो.. ...अब तुम आराम करो आँखें पोंछ ऐसा कहकर वो दोनों चले गए। तब तक सोहन की आवाज़ आई..... भाभी मैं अंदर आ सकता हूँ.. सुधा ने कुछ नहीं कहा..... सोहन सुधा के पैरों की तरफ नीचे सिर झुकाए बैठ गया.. भाभी मुझे माफ कर दो.... मैंने आज आपका बहुत दिल दुखाया है मगर मैं क्या करता कोई रास्ता ही समझ नहीं आया मुझे.... पहले आप कितना खुश रहती थी....मगर मोहन भैया के जाते ही आपके साथ हो रहा दुर्व्यवहार दिनों दिन बढ़ता जा रहा था और आप चुपचाप सब कुछ सहन कर रही थी सोहन की बातें सुन सुधा अब भी खामोश थी.. मैंने आपको हमेशा मां की नज़र से देखा है और आप ये जानती है.... मेरी मां के साथ अन्याय हो ये कैसे हो सकता है..... और फिर मुझे मोहन भैया को भी तो ऊपर जाकर मुंह दिखाना है..... इतनी बड़ी बातें छोटे.. ...और तुम उन्हें मुंह मत दिखाना.....सुधा ने सोहन का मुंह ऊपर करते हुए कहा क्यों...... सोहन चोंककर बोला अरे अपना बंदर जैसा मुंह दिखा दिया मोहन को, तो वो डर नहीं जाएंगे.. ..सुधा ने मुस्कुराकर कहा हा.... हा ....हा....मोहन भैया मुझे बचपन में बंदर बोलते थे.....मगर ये आपको कैसे पता...हंसते हुए सोहन बोला .... और दोनों रोते हुए ही हंसने लगे.. और सुधा की हँसी से घर एक बार फिर गूंजने लगा..... एक प्ररेणादायक रचना।।।। *जय-जय श्री राधेकृष्णा*🙏🌸🌸
Om ganeshay namah ji mangal suprabhat 🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
🙏SHREE GANESHAY NAMAH.🙏------------------------------------------------ 🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿
Good Night jii Ishwar Aapko Sda Khush Rakhne Jii
जय श्री कल्याण राय जी महाराज
Jai Mata Di 🙏🙏🙏🙏 Suvichar 🥀🥀🥀 Shubh Ratri 9212899445 🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
🙏🙏🌹🌹जय श्री राधे कृष्णा 🌹🌹🙏🙏
Nice post 🌹🌹🌹🌹