#जयजिनेंद्र श्री नांदिया तीर्थ, जिला सिरोही, राजस्थान, भारत मूलनायक : श्री जीवित स्वामी महावीर भगवान ।
भगवान् महावीर के बड़े भाई नन्दिवर्धन के द्वारा बसाये जाने के कारण पुराने समय में इस तीर्थ को नंदीग्राम, नंदिवर्धनपुर आदि नाम से भी जाना जाता था। एक अन्य कथा के अनुसार वर्तमान प्रतिमा भी भगवान् के जीवन काल में ही प्रतिष्ठित हुई, इसलिए इन्हें जीवंत महावीर स्वामी के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर को नन्दीश्वर चैत्य के नाम से भी जाना जाता है। नाणा, दियाणा, नांदिया, जीवित स्वामी वांदिया ऐसी कहावत है।
इस प्राचीन तीर्थ में जीवित महावीर स्वामी की पद्मासन मुद्रा में 210 cm ऊँचाई की प्रतिमा है। मूर्ति बहुत ही चमकदार और कलात्मक है। देखने वालों को सहज ही ऐसा लगता है जैसे साक्षात प्रभु ही विराजमान हो। भगवान् महावीर के समय की यह दुर्लभ प्रतिमा है। इतनी सुंदर और आकर्षक प्रतिमा अन्यत्र देखने को नहीं मिलती।
मंदिर के पास ही पहाड़ी पर एक छोटा सा मंदिर है, जहाँ भगवान् महावीर के चरण और एक सांप की छवि है। भक्तों की मान्यता के अनुसार यहाँ पर ही भगवान् ने चंडकौशिक सर्प को प्रतिबोध दिया था।
मंदिर के स्तंभों पर पत्थर के शिलालेख विक्रम संवत 1130 से विक्रम संवत 1210 के बीच की अवधि के हैं, और मंदिर में विक्रम संवत 1210 और बाद में भी मरम्मत और नवीनीकरण किया गया है, समय समय पर इसे पुनर्निर्मित भी किया गया है। विश्वविख्यात राणकपुर के निर्माता धरणाशाह और बंधु रत्नाशाह इसी नगरी के निवासी थी। ऐसा लगता है किसी समय ये बहुत ही समृद्ध नगर रहा होगा।
मार्गदर्शन : बामणवाडाजी तीर्थ से यह स्थान 6 किलोमीटर तथा सिरोही रोड रेलवे स्टेशन से 10 किलोमीटर दूरी पर है।यहां से लोटाणाजी दियाणाजी अजारी सिवेरा काछोली मालणु बामणवाडजी मीरपुर आदि अति प्राचीन जैन तीर्थो के दर्शन कर पायेंगे।
कामेंट्स
Jayshree Shah Aug 14, 2017
Thanks