jay RAM jay RAM
🙏🙏ॐ श्री गणेशाय नम ः🌷 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏जय श्री राधे कृष्ण 🙏🙏🕉 🙏🙏🙏🙏🙏ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः🙏🙏🙏🙏🙏🙏ॐ घृणी सुर्याय नमः 🌹🙏 🙏🙏🙏🙏🙏श्रद्धा के फुल श्री हरि चरणों में समर्पित करते हुए शुभ संध्या आप सभी भक्ततों को जी 🌷🙏🌷🙏 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे 🙏🙏🌷🌷हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏 🌹भगवद गीता अध्याय: 12 श्लोक :19 तुल्यनिन्दास्तुतिर्मौनी सन्तुष्टो येन केनचित्। अनिकेतः स्थिरमतिर्भक्तिमान्मे प्रियो नरः॥ भावार्थ :- जो निंदा-स्तुति को समान समझने वाला, मननशील और जिस किसी प्रकार से भी शरीर का निर्वाह होने में सदा ही संतुष्ट है और रहने के स्थान में ममता और आसक्ति से रहित है- वह स्थिरबुद्धि भक्तिमान पुरुष मुझको प्रिय है। 🌷🙏🌷🙏🕉🕉🕉🕉🌷🙏🌷🙏🙏🌷🙏 🌷🙏🙏🙏सर्वे भवन्तू सुखिनह 🌷🙏🌷🌷🙏🙏🙏🌷🌷🙏🌷🌷🌷🙏🌷🌷🌷🕉🙏
Radhe Radhe
🌺🙏शुभ संधय। र।धेकृषण 🙏🌺
🌹🌹 शुभ रात्रि वंदन 🙏🙏🌺💐🌿🌹 🌹🌹 जय श्री कृष्णा राधे राधे जी 🙏🙏🌺💐🌿🌹🌹💐💐🌺🌿🌿💐🌿🌹