ॐ साईं राम
सभी भाइयों और बहनों को राम राम जी हैप्पी बुधवार 🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌹🌹🌹🌹🌿🌿🌿🌺🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌺🌷🌷🌷🥀🥀🌹🌹🌹🌹🌺🌸🏵️🏵️🏵️🌻🌻🌼🌼🌼
मेरे साई 🌹🌹 मेरी हर अदा साईनाथ तुमसे है मेरी हर मंज़िल का रास्ता तुमसे है कभी दूर ना होना मेरी जिंदगी से साई मेरी हर खुशी का वास्ता ही तुमसे है.... ॐ साई राम 👏🌹 🏵🌹जय श्री राम🏵🌹 🎪🎪🖼शुभ रात्रि 🖼🎪🎪
Har har Mahadev 🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏🙏
🌷OM❤SAI❤RAM🌷 इतनी शक्ति हमें देना दाता 💜💙💜💙💜💙💜💙 इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विशवास कमजोर हो ना। हम चले नेक रास्ते पे हमसे भूल कर भी भूल हो ना॥ दूर अज्ञान के हो अँधेरे, तू हमें ज्ञान की रोशनी दे। हर बुराई से बचते रहे हम, जितनी भी दे भली जिंदगी दे। बैर हो ना किसी का किसी से, भावना मन में बदले की हो ना॥ हम ना सोचे हमें क्या मिला है, हम यह सोचे किया क्या है अर्पण। फूल खुशिओं के बाँटे सभी को, सब का जीवन ही बन जाए मधुवन। अपनी करुणा का जल तू बहा के, कर दे पावन हर एक मन का कोना॥ 🌷 SRI SATCHIDANANDA SADGURU SAINATH MAHARAJ KI JAI 🌷
🌷OM❤SAI❤RAM🌷 TU GURU PITA TU MATA 💜💙💜💙💜💙💜💙💜💙 Tu guru pita tu mata, tu sabhi guno ka daata (2) Yeh hai prarthana hamari(2) sojaao neendh pyaari Tu guru pita tu mata, tu sabhi guno ka daata (2) Tere nain thak gaye hai bhakton ke darshano se Sab so gaye hai jaakar tere sameep aakar Tere nain thak gaye hai bhakton ke darshano se Sab so gaye hai jaakar tere sameep aakar Yeh hai prarthana hamari(2) sojaao neendh pyaari Tu guru pita tu mata, tu sabhi guno ka daata (2) Tere bhakti ras me dubey sab jeev soo gaye hai Tere hi swapna lekar, neendo me kho gaye hai Tere bhakti ras me dube sab jeev soo gaye hai Tere hi swapna lekar, neendo me kho gaye hai Yeh hai prarthana hamari (2) sojaao neendh pyaari Tu guru pita tu mata, tu sabhi guno ka daata (2) Yeh hai prarthana hamari(2) so jao neendh pyaari Tu guru pita tu mata, tu sabhi guno ka daata Sai Ram Sai Ram Sai Ram Sai Ram Sai Ram Sai Ram Sai Ram Sai Ram 🌷 SRI SATCHIDANANDA SADGURU SAINATH MAHARAJ KI JAI 🌷
🌷OM❤SAI❤RAM🌷 बाबा ने अम्मीर शक्कर के प्राणों की 💜💙💜💙💜💙💜💙💜💙💜 रक्षा की| 💜💙💜 बांद्रा में रहनेवाला अम्मीर शक्कर साईं बाबा का भक्त था| वह वहां पर दलाली किया करता था| एक बार उसे गठिया रोग हो गया| रोग के कारण उसे असहनीय कष्ट का सामना करना पड़ रहा था| आखिर में बीमारी से परेशान होकर अपना काम-धंधा छोड़कर शिरडी आ गया और साईं बाबा से अपनी बीमारी के बारे में बताकर, उनसे मुक्ति दिलाने के लिए प्रार्थना करने लगा| उसकी प्रार्थना सुनकर बाबा ने उसे चावड़ी में रहने के लिए कहा| उस समय चावड़ी ऐसे रोगियों के रहने के लिए किसी भी तरह अनुकूल स्थान नहीं था, क्योंकि वह बहुत टूटी-फूटी और सीलनभरी थी| बरसात के मौसम में उसकी छत भी टपका करती थी, परन्तु बाबा की आज्ञा को कैसे टाला जा सकता था| अत: अम्मीर शक्कर वहां मन मारकर रहने लगा| इतना ही नहीं, बाबा ने उसे मस्जिद में आने को मना कर रखा था, लेकिन बाबा का यह नियम था कि वह सुबह-शाम चावडी से होकर ही निकला करते थे| बाबा एक दिन के अंतराल पर जुलूस के साथ वहां पर आते और विश्राम भी करते थे| वहीं पर भक्त बाबा का पूजन, आरती करते| अम्मीर शक्कर को वहां बैठे-बैठे ही बाबा का दर्शन लाभ होता था| उसे वहां रहते हुए नौ महीने बीत गये| अम्मीर शक्कर का वहां रहते हुए मन ऊब गया| उसे चावड़ी बंदीखाना लगने लगी| वैसे उसका गांव वहां से ज्यादा दूर नहीं था और वह वहां पर आराम से रह भी सकता था, लेकिन बाबा से अनुमति मांगी जाये तो शायद वे अनुमति न देंगे| इसलिए एक रात को वे चोरी-छिपे वहां से निकलकर कोपर गांव से जाकर एक धर्मशाला में ठहर गया| वहां पर उसने एक फकीर को देखा जो पानी के अभाव में तड़प रहा था| उसने अम्मीर शक्कर से पानी मांगा| अम्मीर शक्कर ने उसे पानी लाकर दिया| पानी पीते ही फकीर ने दम तोड़ दिया| यह देखकर अम्मीर के होश उड़ गये| वह क्या करे और क्या न करे? उसने सोचा कि यदि इसके मरने की सूचना पुलिस को देता हूं तो पुलिस मुझे ही पकड़ेगी| फिर न जाने कौन-कौन-सी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा और पूरी छानबीन होने तक, उसे बेगुनाह होने तक पुलिस उसका पीछा नहीं छोड़ेगी| ऐसा सोचकर वह वहां से भाग निकला और सवेरा होने से पहले वे शिरडी जा पहुंचा| उस समय उसे बाबा की अनुमति के बिना शिरडी छोड़ने का अत्यन्त पछतावा हो रहा था| वह मन-ही-मन बाबा से प्रार्थना करने लगा और बाबा से माफी मांगते हुए चावड़ी लौटा, तो उसकी जान में जान आयी| इसके बाद वो चावड़ी में तब तक रहा, जब तक बाबा ने उसे वहां से जाने की अनुमति नहीं दी - और बाबा के आशीर्वाद से वह बीमारी से मुक्त हो गया| अम्मीर शक्कर जिस चावड़ी में रहता था, साईं बाबा भी एक दिन छोड़कर रात में वहां सोते थे| चावड़ी में बाबा के साथ अम्मीर शक्कर भी सोता था| एक बार की बात है कि आधी रात के बाद बाबा ने जोर-जोर से अब्दुल को पुकार कर कहा - "अब्दुल ! जरा देख तो सही कोई दुष्ट मेरे बिस्तर पर चढ़ा आ रहा है|" अब्दुल दौड़कर लालटेन ले आया और उसने बाबा का बिस्तर बहुत ध्यान से देखा, लेकिन उसे कुछ भी दिखाई न दिया| तब बाबा ने अब्दुल से जरा ध्यान से देखने को कहा और जमीन पर अपना सटका जोर-जोर से पटकने लगे| इस हड़बड़ी से अम्मीर शक्कर की नींद टूट गयी| उसे यहां रहते हुए बहुत दिन हो चुके थे| उसे बाबा की बातों का कुछ-कुछ अंदाजा हो चुका था| भक्तों के संकटों को बाबा स्वयं का संकट कहते थे| फिर जब उसकी नजर अपने बिस्तर के पास में पड़ी तो देखा कि वहां पर कुछ हलचल हो रही है - और अब्दुल को लालटेन लाने को कहा, तो वहां पर सांप कुड़ली फैलाये बैठा, फन हिला रहा था, सबने देखा| फिर सबने मिलकर उस सांप को मार डाला| इस तरह बाबा ने समय से पहले ही सूचित करके अम्मीर शक्कर के प्राणों की रक्षा की| 🌷 SRI SATCHIDANANDA SADGURU SAINATH MAHARAJ KI JAI 🌷
साईं प्यार है साईं वफ़ा है साईं उम्मीद है साईं जीवन है साईं धारा है साईं किनारा है साईं ही उदगम है साईं ही सागर है साईं ही साईं है साईं ही साईं है न तू है न मैं हुँ बस साईं है साईं ही साईं है