माँ चंद्रघटा ********** देवी दुर्गा का तीसरा स्वरूप माँ चंद्रघंटा है, जिसका अर्थ है घंटी की तरह अर्धचंद्र। चंद्रघंटा को चंडिका और बहादुरी और साहस की देवी के रूप में भी जाना जाता है। इनका मंदिर वाराणसी में स्थित है। नवरात्रि के तीसरे दिन चंद्रघंटा का ध्यान। मस्तक पर है अर्ध चन्द्र, मंद मंद मुस्कान॥ दस हाथों में अस्त्र शस्त्र रखे खडग संग बांद। घंटे के शब्द से हरती दुष्ट के प्राण॥ सिंह वाहिनी दुर्गा का चमके सवर्ण शरीर। करती विपदा शान्ति हरे भक्त की पीर॥ मधुर वाणी को बोल कर सब को देती ज्ञान। जितने देवी देवता सभी करें सम्मान॥ अपने शांत सवभाव से सबका करती ध्यान। भव सागर में फँसा हूँ मैं, करो मेरा कल्याण॥ नवरात्रों की माँ, कृपा कर दो माँ। जय माँ चंद्रघंटा, जय माँ चंद्रघंटा॥