jai santoshi mata
Sudhir Yadav Honeybbunny Dec 23, 2016 jai ma santoshi
ranjeet shukla Dec 23, 2016 jai mata di
Hemant Kumar Dec 23, 2016 Sacchae Darbar Ki Jai
🌹🕉️🙏🏼 जय श्री राधे कृष्णा ज़ी 🙏🏼🕉️🌹🌷🌹🕉️🙏🏼 शूभ रात्री वंदन ज़ी 🙏🏼🕉️🌹🌷🧡🌹🕉️🙏🏼 सभी भाई बहनों को प्रणाम जी 🙏🏼🧡🧡🧡🧡🧡🧡🧡🧡🧡🧡🧡🧡🧡🧡🧡🧡
⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳जय श्री राधे श्याम ⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳शुभ रात्रि जी ⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳
🌿🥀🌿 Jai Shri Ram ji 🌹 Jai Shri Hanuman Ji ki kripa Sadaiv Bana Rahe 🌿🥀🌿🌷🔥🌷🔥🙏🌷🙏
🌼शुभ संध्या वंदन🙏🏻🙏🏻 🌼 जय श्री राधे कृष्णा जी 🙏🏻🙏🏻 अपना मन समुन्दर की तरह रखो, जो अपने में सब समाहित कर लेता है-अच्छा-बुरा सब।समुद्र की लहरों की तरह प्रत्येक को अपने आगोश में लेकर अपनाने की कोशिश कीजिए।जैसे नदियां समुद्र से मिलने को व्याकुल रहती हैं, उसी तरह हमारा दिल भी ऐसा हो कि, हर कोई उसमें जगह बनाने को आतुर हो।दिल ऐसा रखिए कि न काहू से दोस्ती, ना काहू से बैर। -
Joy shree krishna radhe radhe friends 🙏🙏💐💐💐🌸✨💫🌾🛕🕉️💞🌷🌈💞🌷🌸
💐💐जय श्री सूर्य नारायण देव💐💐
Om Sri Surya devaya namaha
🌿🌼🌿जय शिव शंभू 🌿🌼🌿 🌿🌼🌿हर हर महादेव 🌿🌼🌿
Jai Shri Shyam Jai Shri Krishna Radhey Radhey 🌿🌿🌿🌷🌿🌿🌿🌿🌷🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿
|I{•------» 😊🙏😊 «------•}I| शुभरात्रिस्यः शुभकामनाः -------------❤️🌹❤️-------------- 👉 जब मंदिर छोड़ भक्त के साथ चलने को मजबूर हुए भगवान श्री कृष्ण......🥀✍️ हमारे देश में साक्षी गोपाल नामक एक मंदिर है. एक बार दो ब्राह्मण वृंदावन की यात्रा पर निकले जिनमें से एक वृद्ध था और दूसरा जवान था. यात्रा काफी लम्बी और कठिन थी जिस कारण उन दोनों यात्रियों को यात्रा करने में कई कष्टों का सामना करना पड़ा उस समय रेलगाड़ियों की भी सुविधा उपलब्ध नहीं थी. वृद्ध व्यक्ति ब्राह्मण युवक का अत्यंत कृतज्ञ था क्योंकि उसने यात्रा के दौरान वृद्ध व्यक्ति की सहायता की थी. वृंदावन पहुंचकर उस वृद्ध व्यक्ति ने कहा," हे युवक ! तुमने मेरी अत्यधिक सेवा की है. मैं तुम्हारा अत्यंत कृतज्ञ हूं. मैं चाहता हूं कि तुम्हारी इस सेवा के बदले में मैं तुम्हे कुछ पुरस्कार दूं." उस ब्राह्मण युवक ने उससे कुछ भी लेने से इंकार कर दिया पर वृद्ध व्यक्ति हठ करने लगा. फिर उस वृद्ध व्यक्ति ने अपनी जवान पुत्री का विवाह उस ब्राह्मण युवक से करने का वचन दिया । ब्राह्मण युवक ने वृद्ध व्यक्ति को समझाया कि ऐसा नहीं हो सकता क्योंकि आप बहुत अमीर हैं और मैं तो बहुत ही गरीब ब्राह्मण हूं. यह वार्तालाप मंदिर में भगवान गोपाल कृष्ण के श्रीविग्रह समक्ष हो रहा था लेकिन वृद्ध व्यक्ति अपनी हठ पर अड़ा रहा और फिर कुछ दिन तक वृंदावन रहने के बाद दोनों घर लौट आएं. वृद्ध व्यक्ति ने सारी बातें घर पर आकर बताई कि उसने अपनी बेटी का विवाह एक ब्राह्मण से तय कर दिया है पर पत्नी को यह सब मजूंर नहीं था. उस वृद्ध पुरुष की पत्नी ने कहा," यदि आप मेरी पुत्री का विवाह उस युवक से करेंगे तो मैं आत्महत्या कर लूंगी." कुछ समय व्यतीत होने के बाद ब्राह्मण युवक को यह चिंता थी कि वृद्ध अपने वचन को पूरा करेगा या नहीं । फिर ब्राह्मण युवक से रहा न गया और उसने वृद्ध पुरुष को उसका वचन याद करवाया. वह वृद्ध पुरुष मौन रहा और उसे डर था कि अगर वह अपनी बेटी का विवाह इससे करवाता है तो उसकी पत्नी अपनी जान दे देगी और वृद्ध पुरुष ने कोई उत्तर न दिया. तब ब्राह्मण युवक उसे उसका दिया हुआ वचन याद करवाने लगा और तभी वृद्ध पुरुष के बेटे ने उस ब्राह्मण युवक को ये कहकर घर से निकाल दिया कि तुम झूठ बोल रहे हो और तुम मेरे पिता को लूटने के लिए आए हो, फिर ब्राह्मण युवक ने उसके पिता द्वारा दिया गया वचन याद करवाया...// फिर ब्राह्मण युवक ने कहा कि यह सारे वचन तुम्हारे पिता जी ने श्री विग्रह के सामने दिए थे तब वृद्ध व्यक्ति का ज्येष्ठ पुत्र जो भगवान को नहीं मानता था युवक को कहने लगा अगर तुम कहते हो भगवान इस बात के साक्षी है तो यही सही. यदि भगवान प्रकट होकर यह साक्षी दें कि मेरे पिता ने वचन दिया है तो तुम मेरी बहन के साथ विवाह कर सकते हो । तब युवक ने कहा," हां , मैं भगवान श्रीकृष्ण से कहूंगा कि वे साक्षी के रूप में आएं. उसे भगवान श्रीकृष्ण पर पूरा विश्वास था कि भगवान श्रीकृष्ण उसके लिए वृदांवन से जरूर आएंगे. फिर अचानक वृदांवन के मंदिर की मूर्ति से आवाज सुनाई दी कि मैं तुम्हारे साथ कैसे चल सकता हूं मैं तो मात्र एक मूर्ति हूं ,तब उस युवक ने कहा ," कि अगर मूर्ति बात कर सकती है तो साथ भी चल सकती है. तब भगवान श्रीकृष्ण ने युवक के समक्ष एक शर्त रख दी कि तुम मुझे किसी भी दिशा में ले जाना मगर तुम पीछे पलटकर नहीं देखोगे तुम सिर्फ मेरे नूपुरों की ध्वनि से यह जान सकोगे कि मैं तुम्हारे पीछे आ रहा हूं. "युवक ने उनकी बात मान ली और वह वृंदावन से चल पड़े और जिस नगर में जाना था वहां पहुंचने के बाद युवक को नूपुरों की ध्वनि आना बंद हो गई और युवक ने धैर्य न धारण कर सकने के कारण पीछे मुड़ कर देख लिया और मूर्ति वहीं पर स्थिर खड़ी थी अब मूर्ति आगे नहीं चल सकती थी क्योंकि युवक ने पीछे मुड़ कर देख लिया था. वह युवक दौड़कर नगर पहुंचा और सब लोगों को इक्ट्ठा करके कहने लगा कि देखो भगवान श्रीकृष्ण साक्षी रूप में आये हैं. लोग स्तंभित थे कि इतनी बड़ी मूर्ति इतनी दूरी से चल कर आई है. उन्होंने श्रीविग्रह के सम्मान में उस स्थल पर एक मंदिर बनवा दिया और आज भी लोग इस मंदिर में साक्षी श्री गोपाल की पूजा करते है....🥀✍️ ------🌹 जय श्री राधे राधे 🌹----- मधुर रात्रि की शुभकामनाएं ----------❤️🌹❤️----------
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Sudhir Yadav Honeybbunny Dec 23, 2016
jai ma santoshi
ranjeet shukla Dec 23, 2016
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Hemant Kumar Dec 23, 2016
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