सुंदर दर्शन
🚩🪔🚩🪔🚩🪔🚩 🚩 जय मां दुर्गा जय मां वैष्णो 🚩🙏 सर्व मंगल मंगल्ये शिवे स्वार्थ साधिके, शरण्येत्र अंबिके गौरी नारायणी नमोस्तुते 🌹🙏 या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः 🌹🙏 आपको सपरिवार दुर्गा महाअष्टमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं 🌹🙏 माता रानी की कृपा आप सभी पर हमेशा बनी रहें 🙌 शुभ मंगलमय शुभकामनाएं ✡️ प्रेम से बोलो जय माता दी राधे राधे जी जय श्री राम जय हनुमान 🚩🙏🚩🪔🚩🪔🚩🪔🚩🪔
मायादेवी मंदिर हरिद्वार।
Jai Mata Di 🙏🙏🙏🙏 Jai Mata Kaalratri 🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀 Shubh Ratri 9899814594 🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
Good morning Har Har Mahadev jai shiv Shanker Bhagwan ki jai jai
॥ध्यानम्॥ ॐ खड्गं चक्रगदेषुचापपरिघाञ्छूलं भुशुण्डीं शिरः शङ्खं संदधतीं करैस्त्रिनयनां सर्वाङ्गभूषावृताम्। नीलाश्मद्युतिमास्यपाददशकां सेवे महाकालिकां यामस्तौत्स्वपिते हरौ कमलजो हन्तुं मधुं कैटभम्॥१॥ प्राचीन काल में दक्ष के यज्ञ का विध्वंश करने वाली महाभयानक भगवती भद्रकाली करोङों योगिनियों सहित अष्टमी तिथि को ही प्रकट हुई थीं। शास्त्रों में आश्विन अष्टमी की महानता का बहुत वर्णन किया है और आश्विन अष्टमी के समान ही चैत्र अष्टमी भी है। #नारदपुराण के अनुसार शुक्लाष्टम्यां चैत्रमासे भवान्याः प्रोच्यते जनिः ।। प्रदक्षिणशतं कृत्वा कार्यो यात्रामहोत्सवः ।। ११७-१ ।। दर्शनं जगदम्बायाः सर्वानंदप्रदं नृणाम् ।। अत्रैवाशो ककलिकाप्राशनं समुदाहृतम् ।। ११७-२ ।। अशोककलिकाश्चाष्टौ ये पिबंति पुनर्वसौ ।। चैत्रे मासि सिताष्टम्यां न ते शोकमवाप्नुयुः ।। ११७-३ ।। महाष्टमीति च प्रोक्ता देव्याः पूजाविधानतः ।। चैत्र मास शुक्ल पक्ष अष्टमी को भवानी का जन्म बताया जाता है। उस दिन सौ परिक्रमा करके उनकी यात्रा का महान उत्सव मनाना चाहिए। उस दिन जगदम्बा का दर्शन मनुष्यों के लिए सर्वथा आनंद देने वाल है। उसी दिन अशोक कलिका खाने का विधान है। जो लोग चैत्र मास के शुक्लपक्ष की अष्टमी को पुनर्वसु नक्षत्र में अशोक की आठ कलिकाओं का पान करते हैं, वे कभी शोक नहीं पाते। उस दिन रात में देवी की पूजा का विधान होने से वह तिथि महाष्टमी भी कही गयी है। चैत्र शुक्ल अष्टमी पुनर्वसु नक्षत्र में अशोक कलिका भक्षण के बारे में #धर्मसिन्धु में भी आया है। #भविष्यपुराण के अनुसार चैत्र मासके शुक्ल पक्ष की अष्टमी में अशोक पुष्प से मृण्मयी भगवती देवी का अर्चन करनेसे सम्पूर्ण शोक निवृत्त हो जाते हैं | #धर्मसिन्धु में पुनर्वसु और बुध से युक्त चैत्र शुक्ल अष्टमी को प्रातःकाल विधि से स्नान करके वाजपेय यज्ञ के फल प्राप्ति की बात कही गयी है। चैत्र मास की शुक्ल अष्टमी तिथि में माँ अन्नपूर्णा पूजा का विधान है। मान्यता है कि इस वासन्ती अष्टमी तिथि में भक्तिपूर्वक अन्नपूर्णा देवी की पूजा करने से अन्न का अभाव दूर होता है और अन्त-काल में स्वर्ग की प्राप्ति होती है। #नारदपुराण पूर्वार्ध अध्याय 117 आश्विने शुक्लपक्षे तु प्रोक्ता विप्र महाष्टमी ।। ११७-७६ ।। तत्र दुर्गाचनं प्रोक्तं सव्रैरप्युपचारकैः ।। उपवासं चैकभक्तं महाष्टम्यां विधाय तु ।। ११७-७७ ।। सर्वतो विभवं प्राप्य मोदते देववच्चिरम् ।। #आश्विन मास के शुक्लपक्ष में जो #अष्टमी आती है, उसे महाष्टमी कहा गया है। उसमें सभी उपचारों से दुर्गा के पूजन का विधान है। जो महाष्टमी को उपवास अथवा एकभुक्त व्रत करता है, वह सब ओर से वैभव पाकर देवता की भाँति चिरकाल तक आनंदमग्न रहता है। #देवीभागवतपुराण पञ्चम स्कन्ध अष्टम्याञ्च चतुर्दश्यां नवम्याञ्च विशेषतः । कर्तव्यं पूजनं देव्या ब्राह्मणानाञ्च भोजनम् ॥ निर्धनो धनमाप्नोति रोगी रोगात्प्रमुच्यते । अपुत्रो लभते पुत्राञ्छुभांश्च वशवर्तिनः ॥ राज्यभ्रष्टो नृपो राज्यं प्राप्नोति सार्वभौमिकम् । शत्रुभिः पीडितो हन्ति रिपुं मायाप्रसादतः ॥ विद्यार्थी पूजनं यस्तु करोति नियतेन्द्रियः । अनवद्यां शुभा विद्यां विन्दते नात्र संशयः ॥ #अष्टमी, #नवमी एवं #चतुर्दशी को विशेष रूप से देवीपूजन करना चाहिए और इस अवसर पर ब्राह्मण भोजन भी कराना चाहिए। ऐसा करने से निर्धन को धन की प्राप्ति होती है, रोगी रोगमुक्त हो जाता है, पुत्रहीन व्यक्ति सुंदर और आज्ञाकारी पुत्रों को प्राप्त करता है और राज्यच्युत राज को सार्वभौम राज्य प्राप्त करता है। देवी महामाया की कृपा से शत्रुओं से पीड़ित मनुष्य अपने शत्रुओं का नाश कर देता है। को विद्यार्थी इंद्रियों को वश में करके इस पूजन को करता है, वह शीघ्र ही पुण्यमयी उत्तम विद्या प्राप्त कर लेता है इसमें संदेह नहीं है। नवरात्र अष्टमी को महागौरी की पूजा सर्वविदित है साथ ही #गरुड़पुराण अष्टमी तिथि में दुर्गा और नवमी तिथिमें मातृका तथा दिशाएँ पूजित होनेपर अर्थ प्रदान करती है यदि कोई व्यक्ति किसी कारणवश नवरात्र पर्यन्त प्रतिदिन पूजा करने में असमर्थ रहे तो उनको अष्टमी तिथि को विशेष रूप अवश्य पूजा करनी चाहिए। - संकलित पोस्ट
जय माता दी🙏🙏🌼🌹🌼🌹🌼🌹 🌹🌼🌹🌼🌹🌼🌹🌼🌹🌼🌹
*आज दि 20 अप्रैल मंगलवार श्री नयना देवी जी के श्रृंगार दर्शन* शक्तिपीठ माता नयना देवी मन्दिर, विलासपुर हिमांचल प्रदेश 🌹🙏👁🔺👁🌹🙏 जय माँ नयना देवी
卐 जय माँ विन्ध्यवासीनी 卐 卐 *आज दि 20 अप्रैल मंगलवार माता के भव्य श्रृंगार दर्शन का लाभ लेवे 卐* 卐 सभी भक्त जन पर माँ अपनी आशीर्वाद बनाए रखना 卐 卐 मित्र परिवार जन 卐 जय माँता दी 卐 श्री विंध्यवासिनी शक्तिपीठ मंदिर, मिर्जापुर, उत्तरप्रदेश