बेटी ना पराई है ना पराया धन
🌹🌹🌹ओम् नमो भगवते वासुदेवाय नमो नमः🌹🌹🌹 🌹🌹🌹शुभ प्रभात वंदन🌹🌹🌹 卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐 ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ 🙏🏻🌲🙏भक्ति मे ही शक्ति है🙏🏻🌲🙏 *‼️ कर्मो से डरो ईश्वर से नही ‼️* *भ्रम हमेशा* *रिश्तों को बिखेरता है* *और प्रेम से* *अजनबी भी बंध जाते है* *गलत सोच और गलत अंदाजा* *इंसान को हर रिश्ते से* *गुमराह कर देता* *जो व्यक्ति सत्य के लिये अड़ा है* *उसके साथ परमात्मा खड़ा है* 🕉🦚🦢🙏💐🙏💐🙏🦢🦚🕉 रोज़ सुबह उठकर एक बात याद रखें... रिटर्न् टिकट - तो कन्फर्म है.. इसलिये मन भरकर जीयें - मन में भरकर ना जीयें... खुश रहे... स्वस्थ रहे...🔯🌻🥀🌻🥀🔯 🙏🌼🙏🌼🙏हरि ॐ🙏🌼🙏🌼🙏
Radhe Radhe
🙏🌷🙏OM SAI RAM 🙏🌷🙏 !!! SHUBH GURUWAR!!! ❇☀️🌅 SUPRABHAT VANDAN 🌅☀️❇
Good morning 🌅 have a nice day 🙏🙏💐
Suprabhat jai shri radhe krishan
विष्णवे जिष्ण्वे शड्खिने चक्रिणे रूक्मिणीरागिणे जानकीजानये । वल्लवीवल्लभायार्चितायात्मने कंसविध्वंसिने वंशिने ते नमः ।। जो विभु हैं, विजयी हैं, शंख- चक्रधारी हैं, रूक्मिणीजीके परम प्रेमी हैं, जानकीजी जिनकी धर्म पत्नी हैं तथा जो व्रजांगनाओके प्राणाधार हैं उन परमपूज्य, आत्मस्वरूप, कंसविनाशक मुरली मनोहर आपको प्रणाम करता हूँ । 🚩✊जय हिंदुत्व✊🚩 ☀!! श्री हरि: शरणम् !! ☀ 🍃🎋🍃🎋🕉️🎋🍃🎋🍃 🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾
🌿🌺🌿🌷Om Sai Namo Namah 🌷🌿🌺🌿🌺🔥🌺🔥🌺🔥🌺🔥🌺🔥🌺🔥🌺🔥🌺🙏🙏🙏🙏🙏
👍🌹 राम राम दोस्तों 🌹👍 *दूसरा पहलू* ००००००००००००० एक समय संत प्रात: काल भ्रमण हेतू समुद्र के किनारे गए! समुद्र के किनारे उन्होने एक पुरुष को देखा जो एक स्त्री की गोद में सर रख कर सोया हुआ था । पास में शराब की खाली बोतल पड़ी हुई थी। संत बहुत दु:खी हुए! उन्होने ये विचार किया की ये मनुष्य कितना बेकार हैं! जो प्रात:काल शराब सेवन कर के स्त्री की गोदी में सर रख कर प्रेमालाप कर रहा हैं! थोड़ी देर बाद समुद्र से बचाओ, बचाओ की आवाज आई, संत नें देखा की एक मनुष्य समुद्र में डूब रहा हैं! मगर स्वयं को तैरना नहीं आने के कारण वो संत देखने के सिवाय कुछ नहीं कर सकते थे! स्त्री की गोद में सिर रख कर सोया हुआ व्यक्ति उठा और डूबने वाले को बचाने हेतू पानी में कूद गया! थोड़ी देर में उसने डूबने वाले को बचा लिया और किनारे ले आया! संत विचार में पड़ गए की इस व्यक्ति को बुरा कहें या भला! वो उसके पास गए और बोले भाई तूं कौन हैं और यहां क्या कर रहा हैं? उस व्यक्ति ने उत्तर दिया की में एक मछुआरा हूं और मछली मारनें का काम करता हूं.आज कई दिनों से समुद्र से मछली पकड़ कर प्रात: जल्दी यहां लौटा हूं। मेरी मां मुझे लेने के लिए आई थी और साथ में(घर में कोई दूसरा बर्तन नहीं होने पर)इस दारू की बोतल में पानी ले आई. कई दिनो की यात्रा से में थका हुआ था और भोर के सुहावने वातावरण में ये पानी पी कर थकान कम करने हेतू मां की गोदी में सिर रख कर ऐसे ही सो गया. संत की आंखों में आंसु आ गए की मैं कैसा मनुष्य हूं जो देखा उसके बारे में गलत विचार किया । जिसकी वास्तविकता अलग थी! दोस्तों............ *इसीलिए कहते हैं कानों सुना और आँखों देखा भी झूठ हो सकता है क्योंकि कई बार हम जो देखते हैं वो सच नहीं होता। उसका एक दूसरा पहलू भी हो सकता है,किसी के प्रति कोई निर्णय लेने से पहले सौ बार सोचो.* 👍🌹 जय श्री कृष्णा 🌹👍