बाबा गैबी साहब मंदीर भोंगरा
Rs Dubey Dec 22, 2016 जय हो बाबा
Sudhir Yadav Honeybbunny Dec 22, 2016 jai ho jai ho
दुर्गा मैया जय मां लक्ष्मी जी जय मां सरस्वती जी माता रानी की कृपा आप और आपके परिवार पर सदैव बनी रहे जी सुप्रभात जी आपका आर पर शुभ एवं मंगलकारी हो जी
जय श्री महाकाल 🕉️🕉️🚩🙏
सर्व मंगल माँगले शिवे सर्वाध शाधिके , श्रणये त्रयंबके गौडी़ नारायणी नमश्तुते 🙏 आदरणीय आप सभी भाई बहन को मेरा शुभ प्रभात सादर सप्रेम वंदन जी 🙏 मातारानी की कृपा आप सभी भक्त जन पर बनी रहे आज का दिन शुभ मंगलमय हो 🙏🌹🙏
🚩🌿🏵🌿जय माता दी 🔔🌿🏵🌿🙏 🌹ऊँ सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके🌿 🌹शरन्ये त्रयम्बिके गौरी नारायणी नमोस्तुते।🌿 🌹🌹माँ दुर्गा के अस्त्र, शस्त्र और सवारी क्या संदेश देते हैं आईये जानते हैं शुभ संदेश :- 🏵🏵माँ के हाथ में सुदर्शन चक्र:- मांँ दुर्गा की तर्जनी में घूमता सुदर्शन चक्र इस बात का प्रतीक है कि पूरी दुनिया उनके अधीन है। सब उनके आदेश में हैं। वह बुराई को नष्ट कर धर्म का विकास करेगा और धर्म के अनुकूल वातावरण तैयार करने और पापों का नाश करने में सहायक होगा। 🌹🌹माँ के हाथों में तलवार:- मां दुर्गा के हाथ में सुशोभित तलवार की तेज धार और चमक ज्ञान का प्रतीक है। यह ज्ञान सभी संदेहों से मुक्त है। इसकी चमक और आभा यह बताती है कि ज्ञान के मार्ग पर कोई संदेह नहीं होता है। 🌺🌺मांँ के हाथों में 'ऊँ ":- इसी तरह दुर्गाजी के हाथ में इंगित ऊं परमात्मा का बोध कराता है। ऊं में ही सभी शक्तियां निहित हैं। 🏵🏵माँ को प्रिय है लाल रंग:- नवरात्र के अवसर पर नवदुर्गाओं को अर्पित किए जाने वाले वस्त्र, फूल-फल आैर श्रृंगार की वस्तुएं लाल रंग की होती हैं। जब कलश की स्थापना की जाती है, तो उसके ऊपर भी लाल कपड़े में लिपटा हुआ नारियल रखा जाता है। लाल मौली से ही रक्षा सूत्र बांधी जाती हैं। देवी को समर्पित चीजों में भी कहीं-न-कहीं लाल रंग का अवशेष, इसलिए रखा जाता है, ताकि पूजा अनुष्ठान में अग्नि तत्व ग्रह सूर्य और मंगल ग्रह की अनुकंपा बनी रहे। सूर्य को रुद्र यानी अग्नि भी कहते है। अग्नि और रुद्र का स्वरूप लाल ही होता है। मंगल जो कि सूर्य के समान तेजोमय हैं, का रंग भी लाल ही है। इसलिए माँ दुर्गा को लाल चीजें ही ज्यादातर भेंट की जाती हैं। 🌹🌹ऊर्जा का प्रतीक तीर-धनुष:- दुर्गा जी द्वारा धारित तीर-धनुष ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसी तरह माँ दुर्गा के हाथ में धारण वज्र दृढ़ता का प्रतीक है। अपने कार्य और भक्ति के प्रति दृढ़ता होनी चाहिए। वज्र की तरह दृढ़ रहें खुद को प्रभावित न होने दें, वज्र यही संकेत देता है। 🏵🏵माँ के हाथों में त्रिशूल :- त्रिशूल तीन गुणों का प्रतीक है। संसार में तीन तरह की प्रवृत्तियां होती हैं- सत यानी सत्यगुण, रज यानी सांसारिक और तम मतलब तामसी प्रवृत्ति। त्रिशूल के तीन नुकीले सिरे इन तीनों प्रवृत्तियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन गुणों पर हमारा पूर्ण नियंत्रण हो। त्रिशूल का यही संदेश है। 🌺🌺पवित्रता का प्रतीक शंख :- शंख ध्वनि व पवित्रता का प्रतीक है। यह ध्वनि शांति और समृद्धि की सूचक है। माँ के हाथों में शंख इसी बात का संदेश देता है कि मां के पास आने वाले सभी भक्त पूर्णत: पवित्र हो जाते हैं। माँ की भक्ति से हमारे मन से बुरे विचार स्वत: ही समाप्त हो जाते हैं। 🌺🌺कमल क्यों :- माता के हाथों में कमल का फूल है। जो हमें बताता है कि विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य रखने और कर्म करने से सफलता अवश्य मिलती है। जिस प्रकार कमल कीचड़ में रहकर उससे अछूता रहता है, उसी प्रकार मनुष्य को भी सांसारिक कीचड़, वासना, लोभ, लालच से दूर होकर सफलता को प्राप्त करना चाहिए। खुद में आध्यात्मिक गुणवत्ता को विकसित करना चाहिए। 🏵🏵सिंह की सवारी :- सिंह को उग्रता और हिंसक प्रवृत्तियों का प्रतीक माना गया है। माँ दुर्गा सिंह पर सवार है, इसका मतलब यही है कि जो उग्रता और हिंसक प्रवृत्तियों पर नियंत्रण पा सकता है, वही शक्ति है। माँ दुर्गा हमें यही संदेश देती हैं कि जीवन में बुराई और अधर्म पर नियंत्रण कर हम भी शक्ति संपन्न बन सकते हैं और अधर्म पर नियंत्रण कर धर्म की राह पर चल सकते हैं।🌺🌿🌺माँ भगवती सभी का सदा कल्याण करें सदा मंगल प्रदान करें -जय माता दी 🌿🌺🙏
Jai Mata Di 🌹🌹🌹🌹
🌹जय माता दी🌹🙏 🌹जय श्री राधे कान्हा जी🙏🌹 🌹जय श्री संतोषी माता जी 🌹🙏 Good morning ji and have a nice day ji..
श्रीहरि विष्णु के विविध मंत्र- - श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।। - ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।। - ॐ विष्णवे नम: - ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि। ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि। दन्ताभये चक्र दरो दधानं, कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्। धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।। - ॐ हूं विष्णवे नम:। - ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि। - ॐ अं वासुदेवाय नम: - ॐ आं संकर्षणाय नम: - ॐ अं प्रद्युम्नाय नम: - ॐ अ: अनिरुद्धाय नम: - ॐ नारायणाय नम: * ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।। जय श्री लक्ष्मी नारायण 🙏 जय श्री कृष्ण राधे राधे 🙏 जय श्री हरी विठ्ठल रूख्मिनी 🙏 जय श्री महाकाल जी जय माता महाकाली की जय हो 🙏 नमस्कार शुभ 🌅 वंदन 👣 💐 👏शुभ शुक्रवार सबका मंगल हो 🌹 🚩 आप सभी मित्रों को 🙏नमस्कार 🌹👏🚩 जय हो लक्ष्मी माता की जय श्री वैश्नवी माता की जय श्री सरस्वती माता की जय हरी विठ्ठल रूख्मिनी माता की जय हो सिता राम जय श्री हरी ॐ 🙏 🌹 💐 👏 🚩
जय श्री महाकाल 🕉️🚩🙏
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Rs Dubey Dec 22, 2016
जय हो बाबा
Sudhir Yadav Honeybbunny Dec 22, 2016
jai ho jai ho