आज का संदेश प्रेम में अद्भुत सामर्थ्य है। अगर उस परमात्मा को झुकाने की सामर्थ्य किसी में है तो वो मात्र और मात्र प्रेम में ही है। चाहे केवट, शबरी के आगे हो, चाहे हनुमानजी, सुग्रीव के आगे हो या चाहे विभीषण, अर्जुन के आगे हो, प्रेम के वशिभूत होकर कितनी ही बार उस प्रभु को झुकते देखा गया है। प्रभु प्रेम में झुके हैं। इसका सीधा सा मतलब यह हुआ कि प्रेम में झुकाने की सामर्थ्य है और जो प्रेम स्वयं भगवान को झुका सकता है, वह इंसान को क्यों नहीं झुका सकता ? निसंदेह वह इंसानों को भी झुका सकता है। अगर आप सामने वाले से प्रेम पूर्ण व्यवहार करते हैं तो निसंदेह आप उसके ऊपर अपना आधिपत्य भी जमा लेते हैं। किसी को जीतना चाहते हैं तो प्रेम से जीतो। एक बात और बल के प्रयोग से तो किसी किसी को ही जीता जा सकता है लेकिन प्रेम द्वारा सबको जीता जा सकता है। प्रेम वो शहद है जो संबंधों को मधुर बनाता है। मधुर संबंध पारिवारिक खुशहाली को जन्म देते हैं और पारिवारिक खुशहाली ही तो एक सफल जीवन की नींव है।
कामेंट्स
कृष्ण कुमार रस्तोगी सोनी Jan 9, 2021
जय श्री हरी ॐ 🌻🚩 शुभ दोपहर वंदन भाई जी प्रणाम 🙏💐👋🌹🥀🌺🌿