करवा चौथ का त्योहार देशभर में मनाया जाता है. यह व्रत कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की चन्द्रोदय को मनाया जाता है. करवाचौथ हिंदू कैलेंडर के अनुसार पूर्णिमा के चौथे दिन पड़ता है. इस दिन शादीशुदा महिला अपनी पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं. इस दिन अपने पति के कल्याण और स्वस्थ्य जीवन के लिए भगवान गणेश से अर्चना करते हैं.
इस बार करवाचौथ 8 अक्टूबर को है. इस दिन के महिलाएं अपने पति के लिए व्रत करेंगी. देश में कहीं कहीं शादी से पहले भी व्रत करने की प्रथा होती है. कहा जाता है कुंवारी लड़की अच्छे लड़के मिलने के लिए व्रत करती हैं. इस बार महिलाओं के पास पूजा करने के लिए 8 अक्टूबर को 1 घंटे और 14 मिनट का समय है.
करवा चौथ मूर्हूत
करवा चौथ पूजा का समय शाम 5:54 pm पर शुरू होगा.
शाम 7:09 pm पर करवा चौथ पूजा करने का समय खत्म होगा.
करवा चौथ चंद्रोदय का समय करवाचौथ पर महिलाएं चंद्रमा की पूजा करती हैं. इस दिन महिलाएं बिना चंद्रमा के पूजा संपन्न कर अपने पति के हाथ से पानी पीकर अपना व्रत खोलती हैं. कहा जाता है कि चाँद देखे बिना व्रत अधूरा रहता है. जबतक चांद की पूजा के कोई महिला न कुछ भी खा सकती हैं और न पानी पी सकती हैं.
करवा चौथ 2017 : ये है व्रत की तिथि व शुभ मुहूर्त, ऐसे करें पति की लंबी आयु की कामना
करवा चौथ का त्योहार देशभर में मनाया जाता है. यह व्रत कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की चन्द्रोदय को मनाया जाता है. करवाचौथ हिंदू कैलेंडर के अनुसार पूर्णिमा के चौथे दिन पड़ता है. इस दिन शादीशुदा महिला अपनी पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं. इस दिन अपने पति के कल्याण और स्वस्थ्य जीवन के लिए भगवान गणेश से अर्चना करते हैं.
करवा चौथ 2017 पूजा
इस बार करवाचौथ 8 अक्टूबर को है. इस दिन के महिलाएं अपने पति के लिए व्रत करेंगी. देश में कहीं कहीं शादी से पहले भी व्रत करने की प्रथा होती है. कहा जाता है कुंवारी लड़की अच्छे लड़के मिलने के लिए व्रत करती हैं. इस बार महिलाओं के पास पूजा करने के लिए 8 अक्टूबर को 1 घंटे और 14 मिनट का समय है.
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करवा चौथ मूर्हूत
करवा चौथ पूजा का समय शाम 5:54 pm पर शुरू होगा.
शाम 7:09 pm पर करवा चौथ पूजा करने का समय खत्म होगा.
करवा चौथ 2017 चंद्रोदय का समय
करवाचौथ पर महिलाएं चंद्रमा की पूजा करती हैं. इस दिन महिलाएं बिना चंद्रमा के पूजा संपन्न कर अपने पति के हाथ से पानी पीकर अपना व्रत खोलती हैं. कहा जाता है कि चाँद देखे बिना व्रत अधूरा रहता है. जबतक चांद की पूजा के कोई महिला न कुछ भी खा सकती हैं और न पानी पी सकती हैं.
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चंद्रमा की पूजा के दौरान महिलाओं को एक घेरा बनाकर बैठती हैं और फिर एक महिला 7 बार फेरी लगाकर एक-दूसरे से थाली बदलती हैं. इस फेरी के दौरान गीत गाएं जाते हैं. महिलाएं अपने सुहाग की लंबी आयु की कामना करती जाती हैं और थाली को 7 बार फेरती जाती हैं.
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सचिन पाण्डें Oct 6, 2017
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