इस वीडियो क्लिप को जरूर देखे 🌹ईश्वर क्या है,, कहा है,, कैसा है 🌹हर सवालों का जवाब समझ जाओगे.🙏जय श्री राधे🙏
[email protected] Mar 4, 2018 सच्चाई हैं
🌲🌷तकदीर से कम तकदीर से ज्यादा 🌷🌲 *🌹मनुष्य के भाग्य में क्या है 🌹* *एक बार महर्षि नारद वैकुंठ की यात्रा पर जा रहे थे, नारद जी को रास्ते में एक औरत मिली और बोली।मुनिवर आप प्रायः भगवान नारायण से मिलने जाते है। मेरे घर में कोई औलाद नहीं है आप प्रभु से पूछना मेरे घर औलाद कब होगी?* *नारद जी ने कहा ठीक है, पूछ लूंगा इतना कह कर नारदजी नारायण नारायण कहते हुए यात्रा पर चल पड़े,वैकुंठ पहुंच कर नारायण जी ने नारदजी से जब कुशलता पूछी तो नारदजी बोले जब मैं आ रहा था तो रास्ते में एक औरत जिसके घर कोई औलाद नहीं है। उसने मुझे आपसे पूछने को कहा कि उसके घर पर औलाद कब होगी?नारायण बोले तुम उस औरत को जाकर बोल देना कि उसकी किस्मत में औलाद का सुख नहीं है।* *नारदजी जब वापिस लौट रहे थे तो वह औरत बड़ी बेसब्री से नारद जी का इंतज़ार कर रही थी।* *औरत ने नारद जी से पूछा कि प्रभु नारायण ने क्या जवाब दिया ?इस पर नारदजी ने कहा प्रभु ने कहा है कि आपके घर कोई औलाद नहीं होगी।यह सुन कर औरत ढाहे मार कर रोने लगी नारद जी चले गये!* *कुछ समय बीत गया।गाँव में एक योगी आया और उस साधू ने उसी औरत के घर के पास ही यह आवाज़ लगायी कि जो मुझे1रोटी देगा मैं उसको एक नेक औलाद दूंगा।यह सुन कर वो बांझ औरत जल्दी से एक रोटी बना कर ले आई और जैसा उस योगी ने कहा था वैसा ही हुआ।* *उस औरत के घर एक बेटा पैदा हुआ। उस औरत ने बेटे की ख़ुशी में गरीबो में खाना बांटा और ढोल बजवाये,कुछ वर्षों बाद जब नारदजी पुनः वहाँ से गुजरे तो वह औरत कहने लगी क्यूँ नारदजी आप तो हर समय नारायण,नारायण करते रहते हैं!* *आपने तो कहा था मेरे घर औलाद नहीं होगी।यह देखो मेरा राजकुमार बेटा।फिर उस औरत ने उस योगी के बारे में भी बताया,नारदजी को इस बात का जवाब चाहिए था कि यह कैसे हो गया?* *वह जल्दी जल्दी नारायण धाम की ओर गए और प्रभु से ये बात कही कि आपने तो कहा था कि उस औरत के घर औलाद नहीं होगी।* *क्या उस योगी में आपसे भी ज्यादा शक्ति है?नारायण भगवान बोले आज मेरी तबियत कुछ ठीक नहीं है,मैं आपकी बात का जवाब बाद में दूंगा पहले आप मेरे लिए औषधि का इंतजाम कीजिए,* *नारदजी बोले आज्ञा दीजिए प्रभु,नारायण बोले नारदजी आप भूलोक जाइए और एक कटोरी रक्त लेकर आइये।नारदजी कभी इधर,कभी उधर घूमते रहे पर प्याला भर रक्त नहीं मिला।उल्टा लोग उपहास करते कि नारायण बीमार हैं,चलते चलते नारद जी किसी जंगल में पहुंचे,वहाँ पर वही साधु मिले,जिसने उस औरत को बेटे का आशीर्वाद दिया था।* *वो साधु नारदजी को पहचानते थे,उन्होंने कहा अरे नारदजी आप इस जंगल में इस वक़्त क्या कर रहे है?इस पर नारदजी ने जवाब दिया।मुझे प्रभु ने किसी इंसान का रक्त लाने को कहा है यह सुन कर साधु खड़े हो गये और बोले कि प्रभु ने किसी इंसान का रक्त माँगा है।उसने कहा आपके पास कोई छुरी या चाक़ू है।* *नारदजी ने कहा कि वह तो मैं हाथ में लेकर घूम रहा हूँ।उस साधु ने अपने शरीर से एक प्याला रक्त दे दिया।नारदजी वह रक्त लेकर नारायण जी के पास पहुंचे और कहा आपके लिए मैं औषधि ले आया हूँ।नारायण ने कहा यही आपके सवाल का जवाब भी है।* *जिस साधू ने मेरे लिए एक प्याला रक्त मांगने पर अपने शरीर से इतना रक्त भेज दिया।क्या उस साधु के दुआ करने पर मैं किसी को बेटा भी नहीं दे सकता।उस बाँझ औरत के लिए दुआ आप भी तो कर सकते थे पर आपने ऐसा नहीं किया।रक्त तो आपके शरीर में भी था पर आपने नहीं दिया* *मनुष्य का भाग्य केवल प्रारब्ध से निर्मित नहीं होताअपितु सदकर्म और आशीर्वाद से भी प्रभावित होता है..!!* *जय-जय श्री राधेकृष्णा*🙏🌸🌸
🦜🦜🦜🦜🦜🦜🦜🦜🦜🦜 Sri Radhey 🙏 Radhey g my fevret frends g very very lovely so sweet good evening g thanks 👍 g🦜🦜🦜🦜🦜🦜🦜🦜🦜🦜🦜
🌹!! अनमोल वचन !!🌹 *वो माता-पिता ही हैं, जिनसे आपने मुस्कुराना सीखा !!* *कद्र करो माँ बाप की, दुआओं में उनकी ताकत है !!* 🌿🏵️🙏🙏🏵️🌿
Mere ram 🙏🙏🙏
शुभ शनिवार की शुभ संध्या में मंदिर परिवार के सभी आदरणीय भगवत प्रेमी भाई बहन आप सभी को संध्या की राम राम आज माघ पूर्णिमा है इस पावन दिवस की मेरे और मेरे परिवार की ओर से आप और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं भगवती मां गंगा का स्नान करना आज के दिन विशेष शुभ माना जाता है अगर आज के दिन हम आपके द्वारा भगवती मां गंगा का स्नान नहीं हुआ तो हम आप सभी पोस्ट के माध्यम से भगवती मां गंगा का दर्शन लाभ प्राप्त कर स्वयं को कृतार्थ करें मां गंगा के पावन तट पर एक आदर्श भारती बहन का सुंदर भजन जो अपने पति की मंगल कामना के लिए मां गंगा के तट पर भाव के साथ गा रही है महान आदर्श और प्रेम का प्रतीक गीत मेरे सभी भाई बहन सुने जय गंगा मैया की
*शुभ संध्या वंदन* *गुरु रविदास जयंती की हार्दिक शुभकामनायें जी* *माघ पूर्णिमा के दिन संत रविदास जयंती मनाई जाती है*. *इस बार गुरु रविदास की 644 वीं वर्षगांठ है* . *संत रविदास का जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुआ था और उनकी माता का नाम कलसा देवी और पिता का नाम श्रीसंतोख दास जी था*. *कैसे मनाई जाती है रविदास जयंती?* *देशभर में माघ पूर्णिमा के अवसर पर संत रविदास जी का जन्म दिवस बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस दिन लोग कीर्तन जुलूस निकालते हैं. इस दौरान गीत- संगीत, गाने, दोहे सड़कों पर बने मंदिरों में गाए जाते हैं. संत रविदास जी के भक्त उनके जन्म दिवस के दिन घर या मंदिर में बनी उनकी छवि की पूजा करते हैं. संत रविदास जी का जन्म वाराणसी के पास के गांव में हुआ था. यही कारण है कि वाराणासी में संत रविदास जी का जन्म दिवस बेहद भव्य तरीके से मनाया जाता है. इसमें उनके भक्त सक्रिय रुप से भाग लेने के लिए वाराणसी आते हैं*. *ऐसे गुजरा संत रविदास जी का जीवन* *संत रविदास जी के पिता जूते बनाने का काम करते थे. रविदाज जी भी अपने पिता की जूते बनाने में मदद करते थे. इस कारण उन्हें जूते बनाने का काम पैतृक व्यवसाय के तौर पर मिला. उन्होंने इसे खुशी से इसे अपनाया और पूरी लगने के साथ वह जूते बनाया करते थे. साधु-संतों के प्रति शुरुआत से ही संत रविदास जी का झुकाव रहा है. जब भी उनके दरबार पर कोई साधु- संत या फकीर बिना जूते चप्पल के आता था, तो वह उन्हें बिना पैसे लिए जूते चप्पल दे दिया करते थे*. *संत रविदास जी के शिक्षाप्रद दोहे*-- *रैदास कहै जाके हृदय*, *रहै रैन दिन राम* ! *सो भगता भगवंत सम*, *क्रोध न व्यापै काम* !! *ऐसा चाहूं राज मैं*, *जहां मिले सवन को अन्न!* *छोटे बड़े सब सम बनै*, *रविदास रहे प्रसन्न!!* 🌷🏵️👏🙏👏🏵️🌷
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