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"शिवरात्रि से जुड़ी कथा" ‘महाशिवरात्रि’ के विषय में भिन्न-भिन्न मत हैं, कुछ विद्वानों का मत है कि आज के ही दिन शिवजी और माता पार्वती विवाह-सूत्र में बंधे थे जबकि अन्य कुछ विद्वान् ऐसा मानते हैं कि आज के ही दिन शिवजी ने ‘कालकूट’ नाम का विष पिया था जो सागरमंथन के समय समुद्र से निकला था। ज्ञात है कि यह समुद्रमंथन देवताओं और असुरों ने अमृत-प्राप्ति के लिए किया था। एक शिकारी की कथा भी इस त्यौहार के साथ जुड़ी हुई है कि कैसे उसके अनजाने में की गई पूजा से प्रसन्न होकर भगवान् शिव ने उस पर अपनी असीम कृपा की थी। यह कथा पौराणिक “शिव पुराण” में भी संकलित है। प्राचीन काल में, किसी जंगल में एक गुरुद्रुह नाम का एक शिकारी रहता था जो जंगली जानवरों का शिकार करता तथा अपने परिवार का भरण-पोषण किया करता था। एक बार शिव-रात्रि के दिन जब वह शिकार के लिए निकला, पर संयोगवश पूरे दिन खोजने के बाद भी उसे कोई शिकार न मिला। उसके बच्चों, पत्नी एवं माता-पिता को भूखा रहना पड़ेगा इस बात से वह चिंतित हो गया। सूर्यास्त होने पर वह एक जलाशय के समीप गया, और वहाँ एक घाट के किनारे एक पेड़ पर थोड़ा सा जल पीने के लिए लेकर, चढ़ गया। उसे पूरी उम्मीद थी कि कोई न कोई जानवर अपनी प्यास बुझाने के लिए यहाँ जरूर आयेगा। वह पेड़ ‘बेल-पत्र’ का था और उसी पेड़ के नीचे शिवलिंग भी था जो सूखे बेलपत्रों से ढके होने के कारण दिखाई नहीं दे रहा था। रात का पहला प्रहर बीतने से पहले एक हिरणी वहाँ पर पानी पीने के लिए आई। उसे देखते ही शिकारी ने अपने धनुष पर बाण साधा। ऐसा करने में, उसके हाथ के धक्के से कुछ पत्ते एवं जल की कुछ बूंदे नीचे बने शिवलिंग पर गिरीं और अनजाने में ही शिकारी की पहले प्रहर की पूजा हो गयी। हिरणी ने जब पत्तों की खड़खड़ाहट सुनी, तो घबरा कर ऊपर की ओर देखा, और भयभीत हो कर, शिकारी से, काँपते हुए स्वर में बोली, ‘मुझे मत मारो।’ शिकारी ने कहा कि वह और उसका परिवार भूखा है इसलिए वह उसे नहीं छोड़ सकता। हिरणी ने वादा किया कि वह अपने बच्चों को अपने स्वामी को सौंप कर लौट आयेगी। तब वह उसका शिकार कर ले। शिकारी को उसकी बात का विश्वास नहीं हो रहा था। उसने फिर से शिकारी को यह कहते हुए अपनी बात का भरोसा करवाया कि जैसे सत्य पर ही धरती टिकी है; समुद्र मर्यादा में रहता है और झरनों से जल-धाराएँ गिरा करती हैं वैसे ही वह भी सत्य बोल रही है। क्रूर होने के बावजूद भी, शिकारी को उस पर दया आ गयी और उसने ‘जल्दी लौटना’ कहकर, उस हिरनी को जाने दिया। थोड़ी ही देर बाद एक और हिरनी वहाँ पानी पीने आई, शिकारी सावधान हो गया, तीर साधने लगा और ऐसा करते हुए, उसके हाथ के धक्के से फिर पहले की ही तरह थोडा जल और कुछ बेलपत्र नीचे शिवलिंग पर जा गिरे और अनायास ही शिकारी की दूसरे प्रहर की पूजा भी हो गयी। इस हिरनी ने भी भयभीत हो कर, शिकारी से जीवनदान की याचना की लेकिन उसके अस्वीकार कर देने पर, हिरनी ने उसे लौट आने का वचन, यह कहते हुए दिया कि उसे ज्ञात है कि जो वचन दे कर पलट जाता है, उसका अपने जीवन में संचित पुण्य नष्ट हो जाया करता है। उस शिकारी ने पहले की तरह, इस हिरनी के वचन का भी भरोसा कर उसे जाने दिया। अब तो वह इसी चिंता से व्याकुल हो रहा था कि उन में से शायद ही कोई हिरनी लौट के आये और अब उसके परिवार का क्या होगा। इतने में ही उसने जल की ओर आते हुए एक हिरण को देखा, उसे देखकर शिकारी बड़ा प्रसन्न हुआ। अब फिर धनुष पर बाण चढाने से उसकी तीसरे प्रहर की पूजा भी स्वतः ही संपन्न हो गयी लेकिन पत्तों के गिरने की आवाज से वह हिरन सावधान हो गया। उसने शिकारी को देखा और पूछा, “तुम क्या करना चाहते हो ?” वह बोला, “अपने कुटुंब को भोजन देने के लिए तुम्हारा वध करूँगा।” वह मृग प्रसन्न हो कर कहने लगा, “मैं धन्य हूँ कि मेरा यह शरीर किसी के काम आएगा, परोपकार से मेरा जीवन सफल हो जायेगा पर कृपया कर अभी मुझे जाने दो ताकि मैं अपने बच्चों को उनकी माता के हाथ में सौंप कर और उन सबको धीरज बँधा कर यहाँ लौट आऊँ।” शिकारी का ह्रदय, उसके पापपुंज नष्ट हो जाने से अब तक शुद्ध हो गया था इसलिए वह विनयपूर्वक बोला, "जो-जो यहाँ आये, सभी बातें बनाकर चले गये और अभी तक नहीं लौटे, यदि तुम भी झूठ बोलकर चले जाओगे, तो मेरे परिजनों का क्या होगा ?” अब हिरन ने यह कहते हुए उसे अपने सत्य बोलने का भरोसा दिलवाया कि यदि वह लौटकर न आये; तो उसे वह पाप लगे जो उसे लगा करता है जो सामर्थ्य रहते हुए भी दूसरे का उपकार नहीं करता। शिकारी ने उसे भी यह कहकर जाने दिया कि ‘शीघ्र लौट आना।’ रात्रि का अंतिम प्रहर शुरू होते ही उस शिकारी के हर्ष की सीमा न थी क्योंकि उसने उन सब हिरन-हिरनियों को अपने बच्चों सहित एकसाथ आते देख लिया था। उन्हें देखते ही उसने अपने धनुष पर बाण रखा और पहले की ही तरह उसकी चौथे प्रहर की भी शिव-पूजा संपन्न हो गयी। अब उस शिकारी के शिव कृपा से सभी पाप भस्म हो गये इसलिए वह सोचने लगा, "ओह, ये पशु धन्य हैं जो ज्ञानहीन हो कर भी अपने शरीर से परोपकार करना चाहते हैं लेकिन धिक्कार है मेरे जीवन को कि मैं अनेक प्रकार के कुकृत्यों से अपने परिवार का पालन करता रहा।" अब उसने अपना बाण रोक लिया तथा मृगों से कहा की वे सब धन्य है तथा उन्हें वापिस जाने दिया। उसके ऐसा करने पर भगवान् शंकर ने प्रसन्न हो कर तत्काल उसे अपने दिव्य स्वरूप का दर्शन करवाया तथा उसे सुख-समृद्धि का वरदान देकर “गुह’’ नाम प्रदान किया। शिव जी जटाओं में गंगाजी को धारण करने वाले, सिर पर चंद्रमा को सजाने वाले, मस्तक पर त्रिपुंड तथा तीसरे नेत्र वाले, कंठ में कालपाश (नागराज) तथा रुद्राक्ष-माला से सुशोभित, हाथ में डमरू और त्रिशूल है। भक्तगण बड़ी श्रद्धा से जिन्हें शिवशंकर, शंकर, भोलेनाथ, महादेव, भगवान् आशुतोष, उमापति, गौरीशंकर, सोमेश्वर, महाकाल, ओंकारेश्वर, वैद्यनाथ, नीलकंठ, त्रिपुरारि, सदाशिव तथा अन्य सहस्त्रों नामों से संबोधित कर उनकी पूजा-अर्चना किया करते हैं। ऐसे भगवान् शिव एवं शिवा हम सबके चिंतन को सदा-सदैव सकारात्मक बनायें एवं सबकी मनोकामनाएँ पूरी करें। ----------:::×:::---------- "ॐ नमः शिवाय"" ******************************************
कामेंट्स
Madhuben patel Mar 11, 2021
ॐ नमः शिवाय जी शुभप्रभात स्नेहवंदन भाईजी महाशिवरात्रि के पावनपर्व की हार्दिक शुभकामनाएं
Inder Parkash Mar 11, 2021
Om Namo Shivay Har Har Mahdev Good Morning
s.r.pareek rajasthan Mar 11, 2021
🥀औम नमौ शिवाय🕉 आपको महा शिव रात्रि की शुभकामनाएं 🌿 सदा शिव शक्ती की क्रपा से खुश रहें जी सुप्रभात वंदन जी 🙏🏻🙏🏻🕉🍒🌻🍁🌠
RamVilas Pandey Mar 11, 2021
Hari om Namah shivay suprabhat ji
Sonu Pathak (Jai Mata Di) Mar 11, 2021
ऊँ नमः शिवाय 🔱 हर हर महादेव जय माँ आदी शक्ति 🌹🙏🌹 बाबा भोलेनाथ की कृपा दृष्टि आप पर हमेशा बनी रहे 🌹🙏आपको सपरिवार महाशिवरात्रि पर्व की हार्दिक शुभकामनाओ के साथ सुप्रभात वंदन जी 🌷🌷🙏🙏🌷🌷
मेरे साईं (indian women) Mar 11, 2021
आपको और आपके परिवार को हमारी तरफ से 🌿महाशिवरात्रि🌿 पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं 💐💐भगवान भोलेनाथ का आर्शीवाद आप पर सदैव बना रहे👏👏🌹
Luna Mali Gujrat Dahod Mar 11, 2021
Jay Shri LaxmiNarayan 🌹🙏🏻🙏🌹 Jay Shri ShivShakti 🌷🙏🙏🏻🌷 Shubh prabhat 🌸🙏🏻🙏🌸
Pinu Dhiman Jai Shiva 🙏 Mar 11, 2021
जय गौरीशंकर जी सुप्रभात वंदन भाई जी 🙏🔱🙏आप और आप के परिवार को महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं भाई जी 🙏🔱🙏📿🏵️📿🏵️📿🏵️📿🏵️
Pawan Kumar Surelia Mar 11, 2021
Har Har Mahadev Radhe Radheji..🙏🙏
akhilesh kumar singh Mar 11, 2021
har har mahadev
sanjay choudhary Mar 11, 2021
🙏🙏 हर हर महादेव 🙏🙏�।। ।।।। जय भोलेनाथ।।।।। महा शिव रात्रि के शुभ पावन पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।।। आपका दिन शुभ रहे।।।🙏🙏
Anand Gola Mar 11, 2021
शुभ शिव रात्रि जय आदि जय अनंत जय अविनाशी ॐ नमः पार्वती पति हर-हर महादेव हर-हर महादेव हर-हर महादेव हर-हर महादेव हर-हर महादेव हर-हर महादेव हर-हर महादेव
bablu Shukla Mar 11, 2021
Jay Ho bholenath kiMahashivratri ki hardik shubhkamnaen aap aur aapke pure parivar ko good morning
BK WhatsApp STATUS Mar 11, 2021
महादेव महादेव 🌹🙏🙏 ॐनमो पार्वती पति हर हर महादेव हर शुभ प्रभात स्नेह वंदन धन्यवाद 🌹🙏🙏👌👌👍👍🕉️🌄
🔱🛕काशी विश्वनाथ धाम🛕🔱 Mar 11, 2021
ॐनमःशिवाय वंदन जी🔱 👏सनातन धर्म में आस्था रखने वाले सभी भाई बहनों को महाशिवरात्रि पर्व और शुभगुरुवार की ढेर सारी बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं 🙏 🎎आप सभी पर श्री हरि विष्णु जी,और बाबा भोलेनाथ जी की कृपा दृष्टी हमेशा बनी रहे🙏 🥀आपका शिवरात्रि का दिन शुभ शांतिमय,शिवमय, विष्णुमय और मंगलमय व्यतीत हो💐
Shanti Pathak Mar 11, 2021
🌷🙏ओम् नमः शिवाय ,हर हर महादेव 🙏🌷 शुभ दोपहर वंदन जी🌷आप एवं आपके परिवार को हमारी तरफ से महाशिवरात्रि व्रत की हार्दिक शुभकामनाएं एवं ढेर सारी बधाइयां जी🌷🙏🌷
Mamta Chauhan Mar 11, 2021
Har har mahadev🌷🙏Shubh dophar vandan 🌷🙏 Mahashivratri parv ki hardik shubhkamnaye mahadev ki kripa sda aap or aapke priwar pr bni rhe 🌷🌷🙏🙏
✳️🌸 Lalan Singh 🌸✳️ Mar 11, 2021
हर हर महादेव 🔱🙏🔱🕉️ नमः शिवाय 🙏🌹🙏
Ravi Kumar Taneja Mar 11, 2021
🔯 *|| ऊं त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधि पुष्टि वर्धनम उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्ं ||*🔯 *ऊं नम: शिवाय*🙏🌿🙏🌿🙏 🕉 *महाशिवरात्री पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।*🕉 🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 *देवों के देव महादेव जी की कृपा आप और आपके परिवार पर हमेशा बनीं रहें।*🕉🏹🌲🙏🌸🙏🌸🙏🌲🏹🕉
जितेंद्र बामनिया Mar 12, 2021
🙏🚩हर हर महादेव