AMBIKA JI KA MANDIR
जय माता दी शुभ शुक्रवार सुप्रभात दर्शन
Jai Mata Di 🙏🙏🙏🙏 Jai Santoshi Mata 🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀 Shubh Prabhat 🌻🌻🌻🌻🌻 Shubh Shukarvar 🌷🌷🌷🌷🌷🌷
शुभ जय संतोषी मॉ शुभ शुकवार शुभ सु प्र भा त
🌹🌹🌹🌹🌹जय माता दी🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹
पाणी से जलता यहां दिपक हमारा भारत देश, आस्थाओं और विभिन्न रहस्यों से भरा हुआ देश है। यहां हर आधे किलोमीटर पर आपको धर्मस्थल मिल जाएंगे और हर धर्मस्थल के साथ ही एक कहानी भी। वहीं, हमारे देश में कुछ मंदिर से इतने रहस्यमयी है कि उनके रहस्यों के बारे मे आज तक कोई जान भी नहीं पाया है. आज हम आपको ऐसे ही एक मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो मध्य प्रदेश में स्थित है. ये मंदिर देशभर में अद्भुत चमत्कार के मशहूर है. इस मंदिर में एक दिया वर्षों से जलता आ रहा है, लेकिन ये दिव्य ज्योत, तेल या घी से नहीं बल्कि पानी से जलती है. आज तक कई वैज्ञानिकों ने इस मंदिर का रहस्य समझने की कोशिश की, लेकिन किसी को कामयाबी नहीं मिली. यह मंदिर, मध्य प्रदेश के काली सिंध नदी के किनारे बसे आगर-मालवा जिले के अंतर्गत आने वाले नलखेड़ा गांव से लगभग 15 किमी दूर गाड़िया गांव के पास मौजूद है. इस मंदिर को गड़ियाघाट वाली माताजी के नाम से जाना जाता है. मंदिर के पुजारी के अनुसार, पहले इस मंदिर में हमेशा तेल का दीपक जलता था, लेकिन लगभग पांच साल पहले उन्हें मातारानी ने सपने में दर्शन देकर पानी से दीपक जलाने के लिए कहा. इसे मातारानी का आदेश मानते हुए पुजारी ने सुबह उठकर जब उन्होंने पास बह रही काली सिंध नदी से पानी भरा और उसे दीए में डाल दिया. दीपक में पानी डालने के बाद जैसे ही उसमे रखी हुई ज्योत के पास जलती हुई माचिस ले जाई गई, वैसे ही ज्योत जल उठी. यह देखकर पुजारी खुद भी अचंभित रह गए और लगभग दो महीने तक उन्होंने इस बारे में किसी को कुछ नहीं बताया. बाद में उन्होंने इस बारे में कुछ ग्रामीणों को बताया तो उन्होंने भी पहले विश्वास नहीं किया, मगर जब उन्होंने भी दीए में पानी डालकर ज्योति जलाने की कोशिश की, तो ज्योति जल उठी. बताया जाता है कि उसके बाद इस चमत्कार की बात आग की तरह पूरे गांव में फैल गई. तब से लेकर आज तक इस मंदिर में काली सिंध नदी के पानी से ही ज्योत प्रजलवित की जाती है . बताया जाता है कि जब दीपक में पानी डाला जाता है, तो वह चिपचिपे तरल पदार्थ में तब्दील हो जाता है और ज्योत जल उठती है. स्थानीय निवासियों के अनुसार, हालांकि पानी से जलने वाली यह ज्योत वर्षा ऋतू में नहीं जलती है. क्योंकि बरसात के मौसम में काली सिंध नदी का जल स्तर बढ़ने के चलते यह मंदिर पानी में डूब जाता है, जिससे यहां पूजा करना संभव नहीं होता। लेकिन शारदीय नवरात्रि के पहले दिन यानी घटस्थापना के साथ ज्योत दोबारा प्रज्जवलित कर दी जाती है, जो अगले साल बारिश के मौसम तक निरंतर जलती रहती है. जय श्री जगदंबे माता की जय हो भोलेनाथ ॐ ऐं र्हिं ल्किं चामुण्डायै विच्चे जय माता की 🌅 नमस्कार शुभप्रभात 🌅 शुभ शुक्रवार जय श्री लक्ष्मी नारायण जय श्री भोलेनाथ जय श्री पार्वती माता की जय हो आप सभी भारतवासी मित्रों को मेरा सुबह नमस्कार शुभप्रभात वंदन जय हो 🌹👏🚩🐚🎪👪👬🙏🚩 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷
जय माता दी बोलो जो भगत दिल से माता रानी को याद करता है माता उस भगत की मन चाही इच्छाएं पूरी करती है जय माता दी जय माता दी ASHOK CHADHA KRISHNA NAGAR EAST DELHI
शिव ही सुन्दर है
🌸आज संध्या के श्रृंगार दर्शन मां तारा देवी जी के तारा पीठ जिला बीरभूमि पश्चिम बंगाल से 🌸
जय माता दी !!
आज दि 25 फरवरी गुरुवार के संध्या कालीन श्रृंगार दर्शन श्री झंडेवाली वाली माता जी के दिल्ली