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🏵️🚩🌸जय श्री माता की🌺🚩🏵️ 🌺🚩🌺माँ भगवती आपके जीवन में हमेशा सहायक होती रहें🌺🚩🌺 🙏🌼नवरात्रि पर्व के पंचम दिन की मंगलशुभकामनाएँ🌹🙏🌹 *किसी से पुछा गया की मां के पल्लू पर निबन्ध लिखो तो लिखने वाले ने क्या खुब लिखा* बीते समय की बातें हो चुकी हैं. माँ के पल्लू का सिद्धाँत ... माँ को गरिमामयी छवि प्रदान करने के लिए था. इसके साथ ही ... यह गरम बर्तन को चूल्हा से हटाते समय गरम बर्तन को पकड़ने के काम भी आता था. पल्लू की बात ही निराली थी. पल्लू पर तो बहुत कुछ लिखा जा सकता है. पल्लू ... बच्चों का पसीना, आँसू पोंछने, गंदे कान, मुँह की सफाई के लिए भी इस्तेमाल किया जाता था. माँ इसको अपना हाथ पोंछने के लिए तौलिया के रूप में भी इस्तेमाल कर लेती थी. खाना खाने के बाद पल्लू से मुँह साफ करने का अपना ही आनंद होता था. कभी आँख मे दर्द होने पर ... माँ अपने पल्लू को गोल बनाकर, फूँक मारकर, गरम करके आँख में लगा देतीं थी, दर्द उसी समय गायब हो जाता था. माँ की गोद में सोने वाले बच्चों के लिए उसकी गोद गद्दा और उसका पल्लू चादर का काम करता था. जब भी कोई अंजान घर पर आता, तो बच्चा उसको माँ के पल्लू की ओट ले कर देखता था. जब भी बच्चे को किसी बात पर शर्म आती, वो पल्लू से अपना मुँह ढक कर छुप जाता था. जब बच्चों को बाहर जाना होता, तब 'माँ का पल्लू' एक मार्गदर्शक का काम करता था. जब तक बच्चे ने हाथ में पल्लू थाम रखा होता, तो सारी कायनात उसकी मुट्ठी में होती थी. जब मौसम ठंडा होता था ... माँ उसको अपने चारों ओर लपेट कर ठंड से बचाने की कोशिश करती. और, जब वारिश होती, माँ अपने पल्लू में ढाँक लेती. पल्लू --> एप्रन का काम भी करता था. माँ इसको हाथ तौलिया के रूप में भी इस्तेमाल कर लेती थी. पल्लू का उपयोग पेड़ों से गिरने वाले जामुन और मीठे सुगंधित फूलों को लाने के लिए किया जाता था. पल्लू में धान, दान, प्रसाद भी संकलित किया जाता था. पल्लू घर में रखे समान से धूल हटाने में भी बहुत सहायक होता था. कभी कोई वस्तु खो जाए, तो एकदम से पल्लू में गांठ लगाकर निश्चिंत हो जाना , कि जल्द मिल जाएगी. पल्लू में गाँठ लगा कर माँ एक चलता फिरता बैंक या तिजोरी रखती थी, और अगर सब कुछ ठीक रहा, तो कभी-कभी उस बैंक से कुछ पैसे भी मिल जाते थे. मुझे नहीं लगता, कि विज्ञान पल्लू का विकल्प ढूँढ पाया है. पल्लू कुछ और नहीं, बल्कि ◆ एक जादुई एहसास है. ◆ पुरानी पीढ़ी से संबंध रखने वाले अपनी माँ के इस प्यार और स्नेह को हमेशा महसूस करते हैं, जो कि आज की पीढ़ियों की समझ से शायद गायब है।😊 *◆मां की ममतामई यादें◆* 🙏❤️🙏
Jai Mata Di 🙏🙏🙏🙏 Corona Virus 🥀🥀🥀🥀🥀 Shubh Dopahar 🌷🌷🌷🌷🌷🌷
🌹🌹जय माता दी🌹🌹 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
🌷🌷Radhe radhe jai 🌹🌹 Shri Krishna 🌹🌹good afternoon 🌹🌹🌱🌱🍃🍃💐💐🌲🌲☘️☘️🌺🌺🌷🌷🍁🍁🥀🥀🌸🌸🌳🌳🌴🌴🌿🌿
Jai maa kirpa krna apne sabhi bhagton pe 🌹🙏
Jai mate di🙏🙏
🔔 आज मॉ का सिंगार है 🔔 जय माता दी 🔔
Have a nice and good day friends 🙏🙏💐
🕉️ namah shivay 🙏 @ 🌞 ~ आज का हिन्दू पंचांग ~ 🌞 ⛅ दिनांक 17 अप्रैल 2021 ⛅ दिन - शनिवार ⛅ विक्रम संवत - 2078 (गुजरात - 2077) ⛅ शक संवत - 1943 ⛅ अयन - उत्तरायण ⛅ ऋतु - वसंत ⛅ मास - चैत्र ⛅ पक्ष - शुक्ल ⛅ तिथि - पंचमी रात्रि 08:32 तक तत्पश्चात षष्ठी ⛅ नक्षत्र - मॄगशिरा 18 अप्रैल रात्रि 02:34 तक तत्पश्चात आर्द्रा ⛅ योग - शोभन शाम 07:19 तक तत्पश्चात अतिगण्ड ⛅ राहुकाल - सुबह 09:28 से सुबह 11:03 तक ⛅ सूर्योदय - 06:19 ⛅ सूर्यास्त - 18:57 ⛅ दिशाशूल - पूर्व दिशा में ⛅ व्रत पर्व विवरण - श्री पंचमी 💥 विशेष - पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34) 🌞 ~ हिन्दू पंचांग ~ 🌞 🌷 आर्थिक परेशानी हो तो 🌷 🙏🏻 स्कंद पुराण में लिखा है पौष मास की शुक्ल पक्ष की दसमी तिथि चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी(17 अप्रैल 2021 शनिवार) और सावन महीने की पूनम ये दिन लक्ष्मी पूजा के खास बताये गये हैं | इन दिनों में अगर कोई आर्थिक कष्ट से जूझ रहा है | पैसों की बहुत तंगी है घर में तो 12 मंत्र लक्ष्मी माता के बोलकर, शांत बैठकर मानसिक पूजा करे और उनको नमन करें तो उसको भगवती लक्ष्मी प्राप्त होती है, लाभ होता है, घर में लक्ष्मी स्थायी हो जाती हैं | उसके घर से आर्थिक समस्याए धीरे धीरे किनारा करती है | बारह मंत्र इसप्रकार हैं – 🌷 ॐ ऐश्वर्यै नम: 🌷 ॐ कमलायै नम: 🌷 ॐ लक्ष्मयै नम: 🌷 ॐ चलायै नम: 🌷 ॐ भुत्यै नम: 🌷 ॐ हरिप्रियायै नम: 🌷 ॐ पद्मायै नम: 🌷 ॐ पद्माल्यायै नम: 🌷 ॐ संपत्यै नम: 🌷 ॐ ऊच्चयै नम: 🌷 ॐ श्रीयै नम: 🌷 ॐ पद्मधारिन्यै नम: 👉🏻 सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्ति प्रदायिनि | मंत्रपूर्ते सदा देवि महालक्ष्मी नमोस्तुते || 👉🏻 द्वादश एतानि नामानि लक्ष्मी संपूज्यय पठेत | स्थिरा लक्ष्मीर्भवेतस्य पुत्रदाराबिभिस: || 🙏🏻 उसके घर में लक्ष्मी स्थिर हो जाती है | जो इन बारह नामों को इन दिनों में पठन करें | 💥 विशेष ~ 17 अप्रैल 2021 शनिवार को चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है । 🙏🏻 - Shri Sureshanandji Chhindwara 1st Feb' 2013 🌞 ~ हिन्दू पंचांग ~ 🌞 🌷 चैत्र नवरात्रि 🌷 🙏🏻 नवरात्र की पंचमी तिथि यानी पांचवे दिन माता दुर्गा को केले का भोग लगाएं ।इससे परिवार में सुख-शांति रहती है । 🌞 ~ हिन्दू पंचांग ~ 🌞 🌷 चैत्र नवरात्रि 🌷 🙏🏻 स्कंदमाता की पूजा से मिलती है शांति व सुख नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है। स्कंदमाता भक्तों को सुख-शांति प्रदान करने वाली हैं। देवासुर संग्राम के सेनापति भगवान स्कंद की माता होने के कारण मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप को स्कंदमाता के नाम से जानते हैं। स्कंदमाता हमें सिखाती हैं कि जीवन स्वयं ही अच्छे-बुरे के बीच एक देवासुर संग्राम है व हम स्वयं अपने सेनापति हैं। हमें सैन्य संचालन की शक्ति मिलती रहे। इसलिए स्कंदमाता की पूजा करनी चाहिए। इस दिन साधक का मन विशुद्ध चक्र में अवस्थित होना चाहिए, जिससे कि ध्यान वृत्ति एकाग्र हो सके। यह शक्ति परम शांति व सुख का अनुभव कराती हैं। 🌞 ~ हिन्दू पंचांग ~ 🌞 🙏🏻🌷💐🌸🌼🌹🍀🌺💐🙏🏻 http://T.me/Hindupanchang