*नग्गर : ----*यह स्थान करीब 1400 वर्षों तक कुल्लु की राजधानी रहा है। यहाँ 16वीं शताब्दी में बने पत्थर और लकड़ी के आलीशान महल आज होटल में बदल चुके हैं। इन होटलों का संचालन हिमाचल पर्यटन निगम करता है। यहाँ रूसी चित्रकार निकोलस रोएरिक की एक चित्र दीर्घा है। इन सबके अलावा यहाँ विष्णु , त्रिपुरा सुंदरी और भगवान कृष्ण के प्राचीन मंदिर भी हैं। *देव टिब्बा :----*समुद्र से 2953 मी. की ऊँचाई पर स्थित इस जगह को इंद्रालिका के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि महर्षि वशिष्ठ ने अर्जुन को पशुपति अस्त्र पाने के लिए तप करने का परामर्श दिया था। इसी स्थान पर अर्जुन ने इंद्र से यह अस्त्र पाने के लिए तप किया था । *बंजार :-----*यहाँ श्रृंग ऋषि का प्रसिद्ध मंदिर है। इन्हीं ऋषि की याद में यहाँ प्रतिवर्ष मई के महीने में एक उत्सव का आयोजन किया जाता है। ठहरने के लिए पीडब्ल्यूडी का रेस्ट हाउस उपलब्ध है। कुछ दूरी पर ही जलोरी पास हे , जो बन्जार से सिर्फ् 19 किलोमीटर दूर र्हे जो गर्मियों में भी बर्फ की चादर से लिप्त रह्ता हे। *रुमसू :----*यह स्थान कुल्लु से 25 km दूर नग्गर से पूर्व की और 7 km जाकर है। इस गाँव से होकर चन्द्राखनी और मलाणा जाते है। इस गाँव में बहुत सारे देवी देवता के मन्दिर है, पर इनमे प्रमुख भगवान शुभ नारायण का मन्दिर है ।