Jai Shri Radhe Krishna good evening Saware Jab Tu Mere Saath Hai Saware Sar Pe Tera Mere Haath hai
mukesh dhiman Jun 11, 2018 जय श्री कृष्णा
Mrs Anubha karmakar Jun 11, 2018 Jai Shri Radhe Krishna Babaji good evening
Mrs Anubha karmakar Jun 11, 2018 Jai Shri Radhe Krishna Naveen ji good evening
Mrs Anubha karmakar Jun 11, 2018 Jai Shri Radhe Krishna Mukesh ji good evening
Mrs Anubha karmakar Jun 11, 2018 Jai Shri Radhe Krishna Tu Tu moni ji good evening
Mrs Anubha karmakar Jun 11, 2018 Jai Shri Radhe Krishna Sevadas ji good evening ji
Namo Shri Narayan Dinanath Re
जय श्री राधे राधे जी 🙏
Jai Shri mahakal 🙏🙏
🙏*जय श्री राधेकृष्णा*🙏*शुभ संध्या नमन*🙏 🌹🙏*गोविंद के मित्र श्रीनाथ*🙏🌹 *गोवर्धन बड़ा सुन्दर गाँव है। गाँव के बीच में एक मन्दिर है, जिसमें श्रीनाथजी महाराज की बड़ी सुन्दर मूर्ति विराजमान है। . *उनके चरणों में नूपुर, गले में मनोहर वनमाला और मस्तक पर मोरमुकुट शोभित हो रहा है। . *घुँघराले बाल हैं, नेत्रों की बनावट मनोहारिणी है और पीताम्बर पहने हुए हैं। मूर्ति में इतनी सुन्दरता है कि देखने वालों का मन ही नहीं भरता। . *मन्दिर के पास ही एक गरीब ब्राह्मण का घर था। ब्राह्मण था गरीब, परन्तु उसका हृदय भगवद्भक्ति के रंग में रँगा हुआ था। . *ब्राह्मणी भी अपने पति और पति के परमात्मा के प्रेम में रत थी। उसका स्वभाव बड़ा ही सरल और मिलनसार था। कभी किसी ने उसके मुख से कड़ा शब्द नहीं सुना। . *पिता-माता के अनुसार ही प्राय: पुत्र का स्वभाव हुआ करता है। इसी न्याय से ब्राह्मण- दम्पत्ति का पुत्र गोविन्द भी बड़े सुन्दर स्वभाव का बालक था। . *उसकी उम्र दस वर्ष की थी। गोविन्द के शरीर की बनावट इतनी सुन्दर थी कि लोग उसे कामदेव का अवतार कहने में भी नहीं सकुचाते थे। . *गोविन्द गाँव के बाहर अपने साथी सदानन्द और रामदास के साथ खेला करता था। . *एक दिन खेलते- खेलते संध्या हो गयी। गोविन्द घर लौट रहा था तो उसने मन्दिर में आरती का शब्द सुना। . *शंख, घण्टा, घड़ियाल और झाँझ की आवाज सुनकर गोविन्द की भी मन्दिर में जाकर तमाशा देखने की इच्छा हुई और उसी क्षण वह दौड़कर नाथजी की आरती देखने के लिये मन्दिर में चला गया। . *नाथजी के दर्शन कर बालक का मन उन्हीं में रम गया। . *गोविन्द इस बात को नहीं समझ सका कि यह कोई पाषाण की मूर्ति है। उसने प्रत्यक्ष देखा कि एक जीता-जागता मनोहर बालक खड़ा हँस रहा है। . *गोविन्द नाथ जी की मधुर मुस्कान पर मोहित हो गया। उसने सोचा, ‘यदि यह बालक मेरा मित्र बन जाय और मेरे साथ खेले तो बड़ा आनन्द हो।’ . *इतने में आरती समाप्त हो गयी। लोग अपने-अपने घर चले गये। एक गोविन्द रह गया, जो मन्दिर के बाहर अँधेरे में खड़ा नाथजी की बाट देखता था। . *गोविन्द ने जब चारों और देखकर यह जान लिया कि कहीं कोई नहीं है, तब उसने किवाड़ों के छेद से अंदर की ओर झाँककर अकेले खड़े हुए श्रीनाथजी को हृदय की बड़ी गहरी आवाज से गद्गद्- कण्ठ हो प्रेमपूर्वक पुकारकर कहा- . *‘नाथजी ! भैया ! क्या तुम मेरे साथ नहीं खेलोगे ? मेरा मन तुम्हारे साथ खेलने के लिये बहुत छटपटा रहा है। . *भाई ! आओ, देखो, कैसी चाँदनी रात है, चलो, दोनों मिलकर मैदान में गुल्ली- डंडा खेलें। . *मैं सच कहता हूँ, भाई ! तुमसे कभी झगड़ा या मारपीट नहीं करूँगा। . *सरल हृदय बालक के अन्त:करण पर आरती के समय जो भाव पड़ा, उससे वह उन्मत्त हो गया। . *परमात्मा के मधुर और अनन्त प्रेम की अमृतमयी मलयवायु से गोविन्द प्रेममग्न होकर मन्दिर के अंदर खड़े हुए उस भक्त-प्राण-धन गोविन्द को रो-रोकर पुकारने लगा। . *बालक के अश्रुसिक्त शब्दों ने बड़ा काम किया। . *‘ये यथा मां प्रपद्यन्ते तांस्तथैव भजाम्यहम्’ (गीता4/11) की प्रतिज्ञा के अनुसार नाथजी नहीं ठहर सके। . *भक्त के प्रेमावेश ने भगवान् को खींच लिया। . *गोविन्द ने सुना, मानो अंदर से आवाज आती है- ‘भाई ! चलो ! चलो आता हूँ, हम दोनों खेलेंगे !’ . *सरल बालक का मधुर प्रेम भगवान् को बहुत शीघ्र खींचता है। . *बालक ध्रुव के लिये चतुर्भुज धारी होकर वन में जाना पड़ा। भक्त प्रह्लाद के लिये अनोखा नरसिंह वेषधारण किया और व्रज- बालकों के साथ तो आप गौ चराते हुए वन-वन घूमे। . *आज गोविन्द की मतवाली पुकार सुनकर उसके साथ खेलने के लिये मन्दिर से बाहर चले आये ! . *धन्य प्रभु ! न मालुम तुम माया के साथ रमकर कितने खेल खेलते हो तुम्हारा मर्म कौन जान सकता है ? . *मामूली मायावी के खेल से लोग भ्रम में पड़ जाते हैं, फिर तुम तो मायावियों के सरदार ठहरे ! . *बेचारी माया तो तुम्हारे भक्त चंचरीक सेवित चरण- कमलों की चेरी है, अतएव तुम्हारे खेल के रहस्य को कौन समझ सकता है ? . *इतना अवश्य कहा जा सकता है कि तुम्हें अपने भक्तों के साथ गायें दुहते फिरे थे और इसीलिये आज बालक गोविन्द के पुकारते ही उसके साथ खेलने को तैयार हो गये ! . *गोविन्द ने बड़े प्रेम से उनका हाथ पकड़ लिया। आज गोविन्द के आनन्द का ठिकाना नहीं है, . *वह कभी उनके कर- कमलों का स्पर्श कर अपने को धन्य मानता है। कभी उनके नुकीले नेत्रों को निहारकर मोहित होता है, तो कभी उनके सुरीले शब्दों को सुनकर फिर सुनना चाहता है। . *गोविन्द के हृदय में आनन्द समाता नहीं। बात भी ऐसी है। . *जगत् का समस्त सौन्दर्य जिसकी सौन्दर्य- राशि का एक तुच्छ अंश है, उस अनन्त और असीम रूपराशि को प्रत्यक्ष प्राप्त कर ऐसा कौन है जो मुग्ध न हो ! . *नये मित्र को साथ लेकर गोविन्द गाँव के बाहर आया। . *चन्द्रमा की चाँदनी चारों ओर छिटक रही थी, प्रियतम की प्राप्ति से सरोवरों में कुमुदिनी हँस रही थी, . *पुष्पों की अर्धविकसित कलियों ने अपनी मन्द-मन्द सुगन्ध से समस्त वन को मधुमय बना रखा था। . *मानो प्रकृति अपने नाथ की अभ्यर्थना करने के लिये सब तरह से सज-धजकर भक्ति पूरित पुष्पांजलि अर्पण करने के लिये पहले से तैयार थी। . *ऐसी मनोहर रात्रि में गोविन्द नाथजी को पाकर अपने घर-बार, पिता-माता और नींद-भूख को सर्वथा भूल गया। . *दोनों मित्र बड़े प्रेम से तरह-तरह के खेल खेलने लगे। . *गोविन्द ने कहा था कि मैं झगड़ा या मारपीट नहीं करूँगा; परन्तु विनोद प्रिय नाथजी की माया से मोहित होकर वह इस बात को भूल गया। . *खेलते-खेलते किसी बात को लेकर दोनों मित्र लड़ पड़े। . *गोविन्द ने क्रोध में आकर नाथ जी के एक थप्पड़ जमा दिया और बोला कि ‘फिर मुझे कभी रिझाया तो याद रखना मारते-मारते पीठ लाल कर दूँगा।’ . *सूर्य-चन्द्र और अनल-अनिल जिसके भय से अपने-अपने काम में लग रहे हैं, स्वयं देवराजइन्द्र जिसके भय से समय पर वृष्टि करने के लिये बाध्य होते हैं.. . *और भयाधिपति यमराज जिसके भय से पापियों को भय पहुँचाने में व्यस्त हैं, वही त्रिभुवननाथ आज नन्हें-से बालक भक्त के साथ खेलते हुए उसकी थप्पड़ खाकर भी कुछ नहीं बोलते। धन्य है ! बाँके बिहारी धन्य है ! *जय-जय श्री राधेकृष्णा*🙏🌸🌸
देव तुल्य माता पिता के उपकार ।।🙏🏼🌹
🌹🕉️🙏🏼 जय श्री राधे राधे कृष्णा ज़ी 🙏🏼🕉️🌹🕉️🙏🏼 शूभ रात्री वंदन ज़ी 🙏🏼🕉️🌹💐🧡🌹🕉️🙏🏼 सभी भाई बहनों को प्रणाम जी 🙏🏼🧡🧡🧡🧡🧡🧡🧡🧡🧡🧡🧡🧡🧡🧡🧡🧡
*आज दि 03/०3/ 2021 बुधवार श्री सालासर बालाजी बाबा के संध्या काल आरती दर्शन।* 🌹🙏जय श्री सालासर बालाजी चुरू राजस्थान।
कामेंट्स
mukesh dhiman Jun 11, 2018
जय श्री कृष्णा
Mrs Anubha karmakar Jun 11, 2018
Jai Shri Radhe Krishna Babaji good evening
Mrs Anubha karmakar Jun 11, 2018
Jai Shri Radhe Krishna Naveen ji good evening
Mrs Anubha karmakar Jun 11, 2018
Jai Shri Radhe Krishna Mukesh ji good evening
Mrs Anubha karmakar Jun 11, 2018
Jai Shri Radhe Krishna Tu Tu moni ji good evening
Mrs Anubha karmakar Jun 11, 2018
Jai Shri Radhe Krishna Sevadas ji good evening ji