#मंत्र #गणेशजी #सुप्रभात 🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🙏 प्रात: स्मरामि गणनाथमनाथ बन्धुम सिंदूर पूर परिशोभितगंडयुग्मं I उद्दंड विघ्न परिखण्डन चंड दण्ड माखंडलादि सुरनायकवृन्दवन्द्यम I 🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🙏 अर्थात- *अनाथों की रक्षा करने वाले, सिंदूर से सुशोभित दोनों कपोलों वाले, प्रबलतम विघ्नों का नाश करने में समर्थ एवं इंद्र आदि देवों से नमस्कृत श्री गणेश भगवान जी का मैं प्रात: काल स्मरण करता हूँ।*