* जय श्री राधे कृष्णा जी*
*शुभरात्रि वंदन*
#एक_कदम_परमात्मा_की_ओर
किसी नगर में एक सेठजी रहते थे। उनके घर के नजदीक ही एक मंदिर था। एक रात्रि को पुजारी के कीर्तन की ध्वनि के कारण उन्हें ठीक से नींद नहीं आयी।
सुबह उन्होंने पुजारी जी को खूब डाँटा कि ~ यह सब क्या है?
पुजारी जी बोले ~ एकादशी का जागरण कीर्तन चल रहा था।
सेठजी बोले ~ जागरण कीर्तन करते हो,तो क्या हमारी नींद हराम करोगे? अच्छी नींद के बाद ही व्यक्ति काम करने के लिए तैयार हो पाता है। फिर कमाता है, तब खाता है।
पुजारी :- सेठजी! खिलाता तो वह खिलाने वाला ही है।
सेठजी :-कौन खिलाता है? क्या तुम्हारा भगवान खिलाने आयेगा?
पुजारी :- वही तो खिलाता है।
सेठजी :- क्या भगवान खिलाता है! हम कमाते हैं तब खाते हैं।
पुजारी :- निमित्त होता है तुम्हारा कमाना, और पत्नी का रोटी बनाना, बाकी सबको खिलाने वाला, सबका पालनहार तो वह जगन्नाथ ही है।
सेठजी :- क्या पालनहार-पालनहार लगा रखा है! बाबा आदम के जमाने की बातें
करते हो। क्या तुम्हारा पालने वाला एक-एक को आकर खिलाता है? हम
कमाते हैं तभी तो खाते हैं।
पुजारी :- सभी को वही खिलाता है।
सेठजी :- हम नहीं खाते उसका दिया।
पुजारी :- नहीं खाओ तो मारकर भी खिलाता है।
सेठजी :- पुजारी जी! अगर तुम्हारा भगवान मुझे चौबीस घंटों में नहीं खिला पाया तो फिर तुम्हें अपना यह भजन-कीर्तन सदा के लिए बंद करना होगा।
पुजारी :- मैं जानता हूँ कि तुम्हारी पहुँच बहुत ऊपर तक है, लेकिन उसके हाथ बड़े लम्बे हैं। जब तक वह नहीं चाहता, तब तक किसी का बाल भी बाँका नहीं हो सकता। आजमाकर देख लेना।
*निश्चित ही पुजारीजी भगवान में प्रीति रखने वाले कोई सात्त्विक भक्त रहें होंगे।
पुजारी की निष्ठा परखने के लिये सेठजी घोर जंगल में चले गये ! और एक
विशालकाय वृक्ष की ऊँची डाल पर ये सोचकर बैठ गये कि अब देखें
इधर कौन खिलाने आता है?चौबीस घंटे बीत जायेंगे, और पुजारी की हार
हो जायेगी। सदा के लिए कीर्तन की झंझट मिट जायेगी।
तभी एक अजनबी आदमी वहाँ आया। उसने उसी वृक्ष के नीचे आराम
किया, फिर अपना सामान उठाकर चल दिया, लेकिन अपना एक थैला वहीं
भूल गया। भूल गया कहो या छोड़ गया कहो। भगवान ने किसी मनुष्य को
प्रेरणा की थी अथवा मनुष्य रूप में साक्षात् भगवान ही वहाँ आये थे, यह तो
भगवान ही जानें!
थोड़ी देर बाद पाँच डकैत वहाँ पहुँचे। उनमें से एक ने अपने सरदार से कहा :- उस्ताद! यहाँ कोई थैला पड़ा है।
क्या है? जरा देखो! खोलकर देखा, तो उसमें गरमा-गरम भोजन से भरा
टिफिन! उस्ताद भूख लगी है। लगता है यह भोजन भगवान ने हमारे लिए ही
भेजा है।
अरे ! तेरा भगवान यहाँ कैसे भोजन भेजेगा?हमको पकड़ने या फँसाने के लिए
किसी शत्रु ने ही जहर-वहर डालकर यह टिफिन यहाँ रखा होगा, अथवा पुलिस
का कोई षडयंत्र होगा। इधर-उधर देखो जरा, कौन रखकर गया है। उन्होंने इधर-उधर देखा, लेकिन कोई भी आदमी नहीं दिखा। तब डाकुओं के मुखिया ने जोर से आवाज लगायी ,कोई हो तो बताये कि यह थैला यहाँ कौन छोड़ गया है?
सेठजी ऊपर बैठे-बैठे सोचने लगे कि अगर मैं कुछ बोलूँगा तो ये मेरे ही गले पड़ेंगे। वे तो चुप रहे, लेकिन जो सबके हृदय की धड़कनें चलाता है, भक्तवत्सल है, वह अपने भक्त का वचन पूरा किये बिना शाँत नहीं रहता। उसने उन डकैतों को प्रेरित किया कि ...'ऊपर भी देखो। 'उन्होंने ऊपर देखा तो वृक्ष की डाल पर एक आदमी बैठा हुआ दिखा। डकैत चिल्लाये, अरे! नीचे उतर!
सेठजी बोले, मैं नहीं उतरता।
क्यों नहीं उतरता, यह भोजन तूने ही रखा होगा।
सेठजी बोले, मैंने नहीं रखा। कोई यात्री अभी यहाँ आया था, वही इसे यहाँ भूलकर चला गया।
नीचे उतर! तूने ही रखा होगा जहर मिलाकर! और अब बचने के लिए बहाने बना रहा है। तुझे ही यह भोजन खाना पड़ेगा।
अब कौन-सा काम वह सर्वेश्वर किसके द्वारा, किस निमित्त से करवाये अथवा उसके लिए क्या रूप ले, यह उसकी मर्जी की बात है। बड़ी गजब की व्यवस्था है उस परमेश्वर की।
सेठजी बोले :- मैं नीचे नहीं उतरूँगा और खाना तो मैं कतई नहीं खाऊँगा।
पक्का तूने खाने में जहर मिलाया है। अरे! नीचे उतर अब तो तुझे खाना ही होगा।
सेठजी बोले :- मैं नहीं खाऊँगा। नीचे भी नहीं उतरूँगा।
अरे कैसे नहीं उतरेगा।
सरदार ने एक आदमी को हुक्म दिया इसको जबरदस्ती नीचे उतारो!
डकैत ने सेठ को पकड़कर नीचे उतारा।
ले खाना खा!
सेठजी बोले :- मैं नहीं खाऊँगा।
उस्ताद ने धड़ाक से उनके मुँह पर तमाचा जड़ दिया।
सेठ को पुजारीजी की बात याद आयी कि नहीं खाओगे तो, मारकर भी खिलायेगा।
सेठ फिर बोला :- मैं नहीं खाऊँगा।
अरे कैसे नहीं खायेगा! इसकी नाक दबाओ और मुँह खोलो।
डकैतों ने सेठ की नाक दबायी, मुँह खुलवाया और जबरदस्ती खिलाने लगे। वे नहीं खा रहे थे, तो डकैत उन्हें पीटने लगे।
तब सेठजी ने सोचा कि ये पाँच हैं और मैं अकेला हूँ। नहीं खाऊँगा तो ये मेरी हड्डी पसली एक कर देंगे ! इसलिए चुपचाप खाने लगे और मन-ही-मन कहा, मान गये मेरे बाप ! मारकर भी खिलाता है!
डकैतों के रूप में आकर खिला, चाहे भक्तों के रूप में आकर खिला! लेकिन खिलाने वाला तो तू ही है। आपने पुजारी की बात सत्य साबित कर दिखायी !
सेठजी के मन में भक्ति की धारा फूट पड़ी। उनको मार-पीट कर डकैत वहाँ से चले गये, तो सेठजी भागे और पुजारी जी के पास आकर बोले, पुजारी जी! मान गये आपकी बात ! कि नहीं खायें तो वह मारकर भी खिलाता है !!
भक्तों परमात्मा ने जिसे अपना रास्ता दिखाना हो। वो किसी के भी माध्यम से , किसी भी रूप में दिखा देता है।
🙏जय सियाराम जी 🙏
कामेंट्स
dinesh patidar Jan 20, 2021
Jay shree ganesh ji 🌷 suprabhat vandan Ji 🙏
Ansouya Jan 20, 2021
🙏🌹ॐ गं गणपतये नमः 🌹🙏 शुभ प्रभा भइया जी🙏 प्रस्सन्ता परमात्मा की दी हुई औषधी है, इसे व्यर्थ न जाने दे।। 🌹🙏आप सदा प्रसन्न रहें 🌹🙏 🙏आप का दिन शुभ और मंगलमय हो जी 🌹🙏जय श्री गणेश जी महाराज 🙏🌹
🔴 Suresh Kumar 🔴 Jan 20, 2021
राधे राधे जी 🙏 शुभ प्रभात वंदन
मेरे साईं (indian women) Jan 20, 2021
श्री गुरु गोविंद सिंह जी की जयन्ती की लख लख बधाइयाँ होवे💐💐🙏🙏सतनाम श्री वाहे गुरु 🙏🙏
Renu Singh Jan 20, 2021
Jai Shree Ganesh Ji 🙏 Shubh Prabhat Vandan Bhai Ji 🙏 Ganesh Ji Ka Aashirwad Aap aur Aàpke Pariwar pr Sadaiv Bna rhe 🙏 Aàpka Din Shubh V Mangalmay ho Bhai Ji 🙏🌹
yogesh jani Jan 20, 2021
ॐ गणेशय नमः
M T Jan 20, 2021
*🌹🍁☘️ॐ गं गणपतये नमः ☘️🍁🌹* *शुभ दिवस* *कभी"हार"भी जाओ तो इस तरह"हारो"कि* *जीतने वाले से ज़्यादा"चर्चे"आपके हों....!!!* *जीवन में हमेशा शून्य की तरह बनना चाहिए ताकि जिसके साथ भी हम जुड़े उसकी क़ीमत बढ़ा दें .......* *हर हर महादेव* 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
प्रवीण चौहान "२४७" Jan 20, 2021
🥀🥀...!! जय सिद्धिविनायक !!...🥀🥀 🌷🌷🌷🧡🧡🙏🏻🙏🏻🧡🧡🌷🌷🌷 🌹🌹रिद्धि सिद्धि के दाता श्री गणेश जी की कृपा भरे दिन बुधवार का स्नेह वंदन जी 🌹🌹 🌼🌼 गणाधिपति श्री गणपति जी की कृपा और आशीर्वाद सदैव आप और आपके परिवार पर बना रहे 🌼🌼 🧡🧡🧡🔥🔥🙏🏻 🧡 जो सुमिरत सिधि होइ 🧡 गननायक करिबर बदन। 🧡 करउ अनुग्रह सोई 🧡 बुद्धिरासी सुभ गुन सदन॥ 🧡 🙏🏻🔥🔥🧡🧡🧡 💛💛 ॐ श्री विघ्नेश्वराय नमः 💛💛 🌼‼🌼 हर हर महादेव 🌼‼🌼 🔥🔥 सतनाम श्री वाहेगुरु जी 🔥🔥 💝💝 💝 जय श्री राधे कृष्ण 💝💝💝 🏵🏵 गुरु गोबिंद सिंह जी की 354 वीं जन्म जयंती की आपको हार्दिक शुभकामनाएं 🏵🏵
RAJ RATHOD Jan 20, 2021
🙏जय श्री गणेश 🙏 🌹शुभ बुधवार प्रभात वंदन 🌹
Sagar ji🙏 Jan 20, 2021
🌹जय श्री गणेशाय नमः🕉️🙏🚩सुप्रभात वंदन राम राम आदरणीय भाईजी🌼🙏 रिद्धि सिद्धि के स्वामी श्री गणेशजी के आशीर्वाद से सदा स्वस्थ एवं खुशहाल रहे🌻हर पल मुस्कुराते रहे🙏 आपका दिन एवं मंगलमय हो🌹🌼🕉️जय श्री गणपति बाप्पा मोरया🕉️🍁🙏
Deepa Binu Jan 20, 2021
🌹🌹🌹Hare Krishna 🌹🌹🌹 🌹🌹🌹Good morning ji 🌹🌹 🌹🌹Have a beautiful day 🌹
🌻🌹 Preeti Jain 🌹🌻 Jan 20, 2021
*शीशा कमजोर बहुत होता है मगर सच दिखाने से घबराता नहीं है!*🌹🌹🌹🌹💐💐💐💐💐💐 *🙏सु-प्रभात🙏* ओम श्री गणेशाय नमः रिद्धि सिद्धि सुख शांति समृद्धि के दाता गणपति बप्पा का कृपा सदा आप और आप के परिवार पे बना रहे आपका हर पल शुभ एवं मंगलमय हो शुभ प्रभात वंदन जी 🙏 आने वाला हर पल खुशियों भरा हो जय जिनेंद्र 💐💐💐💐💐🙏🙏🍵👈
🌷JK🌷 Jan 20, 2021
🙏🏼Ganpati bappa ki jai🙏 Good Morning ji🙏🌹
Seema Sharma. Himachal (chd) Jan 20, 2021
गोविंद सिंहजी का कला-साहित्य के प्रति अगाध प्रेम था। उन्होंने ही संगीत वाद्ययंत्र दिलरुबा का अविष्कार किया था। इसका इस्तेमाल कई संगीतकारों ने भी किया है। बताया जाता है कि गुरु गोविंद सिंह जी के दरबार में तकरीबन 52 कवि थे।😊🙏 शुभ प्रभात जी 🙏 गुरु गोविंद सिंह जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏
🇮🇳🇮🇳GEETA DEVI🇮🇳🇮🇳 Jan 20, 2021
🏵🙏OM SHREE GANESHAY NAMAH JI 🙏🏵 SUPRABHATAM 🎉 🍃🌹🙏WISHING FOR YOU GOOD HEALTH 🙏🌹🍃 HAVE A GREAT DAY 🎈🎈🎉 🍃🍃🍃🏵🏵🏵🍃🍃🍃
vineeta tripathi Jan 20, 2021
जय श्री गणेश जी की गुड मॉर्निंग
शान्ति पाठक Jan 20, 2021
🌷🙏ओम् गं गणपतये नमः 🙏शुभ प्रभात वंदन जी🌷आपका हर पल शुभ एवं मंगलमय हो 🌷आप एवं आपके परिवार पर भगवान श्री गणेश जी की कृपा सदैव बनी रहे 🌷 गणपति बप्पाआपके सभी मनोरथ पूर्ण करें जी🌷🙏🌷
कुसुम सेन Jan 20, 2021
⛳🙏🕉️🙏🥀🌹ओम श्री गण गणपतए नमो नमः राम राम जीभाई जी सुप्रभात वंदन भाई जी आपका हर दिन हर पल शुभ मंगलमय हो शुभकामनाएं भाई जी🌹🕉️🌹⛳⛳⛳
Shivsanker Shukla Jan 20, 2021
श्री गणेशाय नमः सुप्रभात भैया जी सुबह की राम राम
Pinu Dhiman Jai Shiva 🙏 Jan 20, 2021
जय श्री गणेश जी सुप्रभात नमस्कार भाई जी 🙏🌹🙏गणपति जी की कृपा और आशीर्वाद से आपके सारे मनोरथ सिद्ध हो आप की सभी मनोकामनाएं पूरी हो आप हमेशा हंसते मुस्कुराते रहे भाई जी 🙏🙌🌿🌼🌿🌼🌿🌼🌿🌼🌿🌼🌿🌼🌿🏵️👌🏵️👌🏵️👌🏵️👌🏵️👌🏵️👌