जय हो श्री हरि लक्ष्मी जी की
🥀विश्वास तोड़ना नहीं,🥀 🌼 बनाना सिखों🌼 🥀कोई हम पर आंख बंद 🥀 🌼करके विश्वास करें,🌼 🥀 यह हमारा सौभाग्य है!🥀 🥀🙏🥀 राधे-राधे जी 🥀🙏,🥀
🌹🌹 शुभ रात्रि वंदन 🙏🙏🌿💐🌺🌹 🌹🌹 जय श्री कृष्णा राधे राधे जी 🙏🙏💐🌺🌹🌿🌿🌺💐💐🌹🌿💐🌺🌹
अरे भई बुढापा तो सब को आने वाला हे पर क्या क्या हालत होती हे और क्या क्या याद आता हे गुजर गए जिंदगी तो फिर कयु हंसी खुशी से बीताओ सुभकामना बहुत सुंदर दिखता हे पोस्टर पसंद आया गुड ईवनिंग जेय चामुंडा माता रानी रक्षा करो प्रार्थना स्वीकार करो अभिनन्दन दक्षा बेन किर्ति कुमार वैश्य
radhe radhe ji
Jai maa karani ji
. मित्रों आज गुरुवार है, आज हम आपको भगवान विष्णु लक्ष्मी के बारे में बतायेगें!!!!!! देवर्षि नारद ने एक बार धन की देवी लक्ष्मी से पूछा कि आप हमेशा श्री हरि विष्णु के चरण क्यों दबाती रहती हैं? इस पर लक्ष्मी जी ने कहा कि ग्रहों के प्रभाव से कोई अछूता नहीं रहता, वह चाहे मनुष्य हो या फिर देवी-देवता। महिला के " हाथ में देवगुरु बृहस्पति वास करते हैं और पुरुष के पैरों में दैत्यगुरु शुक्राचार्य। जब महिला पुरुष के चरण दबाती है, तो देव और दानव के मिलन से धनलाभ का योग बनता है। इसलिए मैं हमेशा अपने स्वामी के चरण दबाती हूं। भगवान विष्णु ने उन्हें अपने पुरुषार्थ के बल पर ही वश में कर रखा है। लक्ष्मी उन्हीं के वश में रहती है जो हमेशा सभी के कल्याण का भाव रखता हैं। विष्णु के पास जो लक्ष्मी हैं वह धन और सम्पत्ति है। भगवान श्री हरि उसका उचित उपयोग जानते हैं। इसी वजह से महालक्ष्मी श्री विष्णु के पैरों में उनकी दासी बन कर रहती हैं। वहीं एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार, अलक्ष्मी अपनी बहन लक्ष्मी से बेहद ईर्ष्या रखती हैं। वह बिल्कुल भी आकर्षक नहीं हैं, उनकी आंखें भड़कीली, बाल फैले हुए और बड़े-बड़े दांत हैं। यहां तक कि जब भी देवी लक्ष्मी अपने पति के साथ होती हैं, अलक्ष्मी वहां भी उन दोनों के साथ पहुंच जाती थीं। अपनी बहन का ये बर्ताव देवी लक्ष्मी को बिल्कुल पसंद नहीं आया और उन्होंने अलक्ष्मी से कहा कि तुम मुझे और मेरे पति को अकेला क्यों नहीं छोड़ देती। इस पर अलक्ष्मी ने कहा कि कोई मेरी आराधना नहीं करता, मेरा पति भी नहीं है, इसलिए तुम जहां जाओगी, मैं तुम्हारे साथ रहूंगी। इस पर देवी लक्ष्मी क्रोधित हो गईं और आवेग में उन्होंने अलक्ष्मी को श्राप दिया कि मृत्यु के देवता तुम्हारे पति हैं और जहां भी गंदगी, ईर्ष्या, लालच, आलस, रोष होगा, तुम वहीं रहोगी। इस प्रकार भगवान विष्णु और अपने पति के चरणों में बैठकर माता लक्ष्मी उनके चरणों की गंदगी को दूर करती हैं, ताकि अलक्ष्मी उनके निकट न आ सकें। इस तरह वे पति को पराई स्त्री से दूर रखने की हर संभव कोशिश कर रही हैं। सौभाग्य और दुर्भाग्य एक साथ चलते हैं। जब आपके ऊपर सौभाग्य की वर्षा होती है, तब दुर्भाग्य वहीं पास में खड़ा अपने लिए मौका तलाशता है। अलक्ष्मी भी कुछ इसी तरह घर के बाहर बैठकर लक्ष्मी के जाने का इंतजार करती हैं। जहां भी गंदगी मौजूद होती है, वहां लालच, ईर्ष्या, पति-पत्नी के झगड़े, अश्लीलता, क्लेश और कलह का वातावरण बन जाता है। यह निशानी है कि घर में अलक्ष्मी का प्रवेश हो चुका है। अलक्ष्मी को दूर रखने और लक्ष्मी को आमंत्रित करने के लिए हिन्दू धर्म से जुड़े प्रत्येक घर में सफाई के साथ-साथ नित्य पूजा-पाठ किया जाता है ताकि घर के लोगों को नकारात्मक ऊर्जा से बचाया जा सके। "श्री विष्णु भगवान एवं लक्ष्मी जी का सच्चे मन से जो भी ध्यान लगावे उसका बेड़ा पार है!! हैं। 🌼 जय लक्ष्मी नारायण जी🌼 *************************************************
🕉️हैप्पी शुक्रवार 🕉️ जय मां संतोषी 🕉️