आँखों की बीमारी दूर करने हेतु चाक्षुषीविद्या प्रयोग 〰〰🌼〰🌼〰🌼〰🌼〰🌼〰🌼〰〰 सूर्य भगवान का मनन करते हुए किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष रविवार को सूर्योदय के आसपास आरम्भ करके रोज इस स्तोत्र के 5 पाठ करना है. सबसे पहले सूर्य नारायण का ध्यान करके दाहिने हाथ में जल, अक्षत, लाल पुष्प लेकर विनियोग मंत्र पढ़िए, जो इस प्रकार है-
विनियोग मंत्र :👉 ॐ अस्याश्चाक्षुषीविद्याया अहिर्बुधन्य ऋषिः गायत्री छन्दः सूर्यो देवता चक्षुरोगनिवृत्तये विनियोगः।
य इमां चक्षुष्मतिविद्यां ब्राह्मणो नित्यमधीते न तस्याक्षिरोगो भवति।
न तस्य कुले अन्धो भवति। अष्टौ ब्राह्मणान ग्राहयित्वा विद्यासिद्धिर्भवति।
हिंदी भावार्थ :👇
विनियोग: ‘ॐ इस चाक्षुषी विद्या के ऋषि अहिर्बुध्न्य हैं, गायत्री छन्द है, सूर्यनारायण देवता हैं तथा नेत्ररोग शमन हेतु इसका जाप होता है।
हे परमेश्वर, हे चक्षु के अभिमानी सूर्यदेव। आप मेरे चक्षुओं में चक्षु के तेजरूप से स्थिर हो जाएँ। मेरी रक्षा करें। रक्षा करें।
मेरी आँखों का रोग समाप्त करें। समाप्त करें।
मुझे आप अपना सुवर्णमयी तेज दिखलायें। दिखलायें।
जिससे में अँधा न होऊं। कृपया वैसे ही उपाय करें, उपाय करें।
आप मेरा कल्याण करें, कल्याण करें।
मेरे जितने भी पीछे जन्मों के पाप हैं जिनकी वजह से मुझे नेत्र रोग हुआ है उन पापों को जड़ से उखाड़ दे, दें।
हे सच्चिदानन्दस्वरूप नेत्रों को तेज प्रदान करने वाले दिव्यस्वरूपी भगवान भास्कर आपको नमस्कार है।
ॐ सूर्य भगवान को नमस्कार है।
ॐ नेत्रों के प्रकाश भगवान सूर्यदेव आपको नमस्कार है।
ॐ आकाशविहारी आपको नमस्कार है। परमश्रेष्ठ स्वरुप आपको नमस्कार है।
ॐ रजोगुण रुपी भगवान सूर्यदेव आपको नमस्कार है। तमोगुण के आश्रयभूत भगवान सूर्यदेव आपको नमस्कार है।
हे भगवान आप मुझे असत से सत की और जाईये। अन्धकार से प्रकाश की और ले जाइये।
मृत्यु से अमृत की और ले चलिये। हे सूर्यदेव आप उष्णस्वरूप हैं, शुचिरूप हैं। हंसस्वरूप भगवान सूर्य, शुचि तथा अप्रतिरूप रूप हैं। उनके तेजोमयी स्वरुप की समानता करने वाला कोई भी नहीं है।
जो इस चक्षुष्मतिविद्या का नित्य पाठ करता है उसे कभी नेत्र सम्बन्धी रोग नहीं होता. उसके कुल में कोई अँधा नहीं होता.
यह चाक्षुषोपनिषद स्तोत्र इतना अधिक प्रभावकारी है कि यदि आपको आँखों से सम्बंधित कोई बीमारी है तो आपको बस यह करना है कि एक ताम्बे के लोटे में जल भरकर, पूजा स्थान में रखकर उसके सामने नियमित इस स्तोत्र का 21 बार पाठ करना है, फिर उस जल से दिन में 3-4 बार आँखों को छींटे मारना है. कुछ ही दिनों में आँखों से सम्बंधित सारे रोगों से आपको मुक्ति मिल जाएगी। 〰〰🌼〰〰🌼〰〰🌼〰〰🌼〰〰🌼〰〰
कामेंट्स
Radha Sahu Oct 9, 2017
ंंबहुत सुन्दर